फर्जीवारा कर ली थी योजना: शरद यादव ने काम रोकने का आदेश देते हुए संलिप्त लोगों पर दिए कार्यवाही के निर्देश: मधेपुरा टाइम्स पर सबसे पहले छपी थी खबर
गत 31 मई को हमने मधेपुरा जिला के
उदाकिशुनगंज प्रखंड के मधुबन, वार्ड नं.5 में जिला योजना एवं विकास विभाग द्वारा संचालित
योजना संख्यां 1/14-15 जिसके तहत विशुनदेव सिंह के घर से चंद्रकिशोर सिंह के घर तक
नाला-सह-सड़क निर्माण हो रहा था, पर एक खबर छापी थी. (पढ़ें: शरद यादव की योजना से
निर्मित हो रहे सड़क निर्माण पर उठा विवाद)
खबर सबसे पहले मधेपुरा टाइम्स पर छपी और
उसके बाद मामले का पूरा खुलासा हो गया. जो अन्य जानकारियाँ मिलने लगी वो किसी के
पैर तले की जमीन खिसकाने वाली थी. बताया जाता है कि इस योजना में एक ठेकेदार ने
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद शरद यादव से गलत तरीके से महज एक आवेदन पर हस्ताक्षर
करवा कर लाखों का ठेका हासिल कर लिया था. ठेकेदार इस मामले में विभागीय अधिकारी की
मिली भगत से 32 लाख की योजना पास कराकर बिहारीगंज प्रखंड के मधुबन गाँव बिना
शिलापट के हीं आनन-फानन में पीसीसी सडक एंव नाला निर्माण शुरू कर फर्जी तरीके से
24 लाख रूपये की निकासी भी कर ली. जबकि बताया जाता है कि सांसद मद से किसी योजना की
स्वीकृति सांसद के लेटर पैड पर योजना के विवरण के साथ हस्ताक्षर के बिना नहीं होती
है.
मामले का खुलासा हुआ तो ठेकेदार और विभागीय
अधिकारी स्थल पर आधा-अधूरा कार्य छोड़ कर फरार हो गए हैं. इस मामले में जब हमने प्रभारी
जिलाधिकारी और योजना विभागीय अधिकारी से सच्चाई जानने की कोशिश की तो अधिकारी
चुप्पी साधकर कैमरे पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुए. पर जब हमने इस मामले में
जब सांसद शरद यादव से जी पूछा तो सांसद शरद यादव ने कहा कि इस तरह के मामले में
मैं कुछ नहीं बोलना चाहता हूँ. लेकिन सांसद ने इतना जरुर कहा कि मैंने जिलाधिकारी
को योजना बंद करने को कहा है और ऐसे लोगों के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही करने का निर्देश
दे दिया है.
जदयू
के एम.एल.सी विजय कुमार वर्मा ने कहा कि सांसद शरद यादव ने जिलाधिकारी को निर्देश
दिया है कि ऐसे लोगों के विरुद्ध कार्यवाही करें. और इस मामले में सांसद ने लिखित
पत्र भी जिलाधिकारी को फैक्स से निर्गत किया है. उधर अधूरे नाले से ग्रामीणों को बड़ी
परेशानी हो रही है और ग्रामीणों के मुताबिक ये हादसे को आमंत्रण दे रहा है.
बिहार में विगत कई वर्षों से लूट की गंगा बहती रही है
जिसमें अधिकारी-नेता-ठेकेदारों की तिकड़ी हाथ
धोते रहे हैं. लेकिन ऐसी घटना ने लूट के एक नए तरीके का इतिहास बना डाला है. बहरहाल
अब देखना दिलचस्प होगा कि इस लूट और फर्जीवारे में सरकारी अधिकारी कितने सजग होते हैं
और कब तक संलिप्त लोगों पर कार्यवाही की जाती है.
फर्जीवारा कर ली थी योजना: शरद यादव ने काम रोकने का आदेश देते हुए संलिप्त लोगों पर दिए कार्यवाही के निर्देश: मधेपुरा टाइम्स पर सबसे पहले छपी थी खबर
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 02, 2015
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