बार-बार स्कूल बंद करने के आदेश से परेशान निजी स्कूल संचालकों ने समय कम कर स्कूल खोलने की अनुमति माँगा
भीषण गर्मी को देखते हुए जहाँ आगामी 14 जून तक राज्य
में सभी सरकारी स्कूलों को बंद करने आदेश जारी किया गया है वहीँ इस बार प्राइवेट
स्कूल के सन्दर्भ में सम्बंधित जिलाधिकारियों को अपने स्तर से निर्णय लेने का
अधिकार दे दिया गया है.
सरकार के आदेश के आलोक में
मधेपुरा में भी जिला प्रशासन ने सभी निजी स्कूलों को उक्त तिथि तक बंद रखने का
आदेश जारी किया है, पर निजी स्कूलों के संचालकों ने जिला प्रशासन के सामने अपनी
समस्या रखी है. पठन-पाठन सम्बंधित विभिन्न समस्यायों को रखते हुए प्राइवेट स्कूल्स
एण्ड चिल्ड्रेन वेलफेयर एशोसिएशन, मधेपुरा ने जिला प्रशासन से मांग की है कि यदि
सुबह छ: बजे से दिन के दस बजे तक ही सिर्फ हाइयर क्लास (6-10) के लिए भी स्कूल
खोलने की अनुमति दी जाती तो मधेपुरा के छात्र पढ़ाई में पीछे न रहते.
प्राइवेट स्कूल्स एण्ड चिल्ड्रेन
वेलफेयर एशोसिएशन की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस इस सन्दर्भ में अध्यक्ष किशोर कुमार की
अध्यक्षता में की गई जिसमे कहा गया कि पिछले महीने भूकंप की विभिषिका को देखते हुए
एहतियात के तौर पर अचानक गर्मी की छुट्टी की घोषणा कर दी गई. जिस कारण निजी विद्यालयों
में Formative Assessment नहीं हो पाया. अभी-अभी विद्यालय पुनः खुली और अचानक से विद्यालय
बन्द करने का फिर से आदेश प्राप्त हुआ. कहा गया कि यदि बार-बार विभिन्न कारणों से निजी
विद्यालयों को बन्द करवाया जाता है, तो इससे हमारी शाख पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और कई
तरह की समस्याएँ उत्पन्न हो जाती है. जैसे- सिलेबस पूरा नहीं होना, परीक्षा समय पर नहीं होना,
प्रोजेक्ट वर्क नहीं
होना, इत्यादि.
स्कूल संचालकों ने कहा कि इस कारण धीरे-धीरे अभिभावकों की शिकायत काफी बढ़ जाती है,
जिससे संचालकों के साथ ‘‘न घर का न घाट का’’ वाली कहावत चरितार्थ होने लगती है
बताया गया कि मालूम हो कि
प्रधान सचिव के पत्रांक 571 दिनांक 06.06.15 में निजी विद्यालयों के सम्बन्ध में स्पष्ट निर्देश
है कि जिलाधिकारी अपने स्तर से गर्मी को मद्देनजर रखते हुए निर्णय लेंगें. यदि गर्मी
को देखते हुए कक्षा का समय कम करके विद्यालय संचालित करने की अनुमति प्राप्त होती है,
तो इससे बच्चों को
गर्मी से राहत तो मिलेगी ही साथ ही विद्यालय की पढ़ाई भी नियमित रहेगी.
स्कूल के संचालकों ने
कहा कि निजी विद्यालयों पर इस तरह का दबाव नहीं बनाया जाना चाहिए, निजी विद्यालय से सम्बंधित
निर्णय लेने से पूर्व संघ के पदाधिकारियों से बातचीत करनी चाहिए एवं अभी कक्षा का समय
कम करके विद्यालय चलाने की अनुमति प्रदान की जानी चाहिए.(नि.सं.)
बार-बार स्कूल बंद करने के आदेश से परेशान निजी स्कूल संचालकों ने समय कम कर स्कूल खोलने की अनुमति माँगा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 09, 2015
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