
इस बावत ग्रामीणों में भी आक्रोश देखा गया. दस कमरे के इस विद्यालय में दो कमरे बाढ़ के बाद से ही उपेक्षित हैं. बचे आठ कमरे में दो कमरे आफिस कार्य के उपयोग में आते हैं एक में जलावन तथा एक में रसोईया के द्वारा मूंग का छिलका रखा हुआ है. बीच विद्यालय में चापाकल का पानी बिखरा हुआ है जिससे खेलने-खाने में भी छात्रों को परेशानी होती है.
इस बावत प्रधानाचार्य
मो नाजमुदिन ने बताया कि रोजा का समय है, सुबह सुबह एक ही दुकान
खुली हुई थी,
जिसके कारण हम वह शब्जी ले
आए. ग्रामीणों के विरोध के बाद हम वह शब्जी नहीं बनवाये
हैं. विद्यालय में 413 नामांकित बच्चों में 230 बच्चे ही उपलब्ध थे. विद्यालय में तीन शिक्षक बिना अनुमति के
ही गायब थे. मध्यान्ह भोजन के पंजी के बारे में
बताया कि वह तो घर पर रहता. विद्यालय पहुंचे बीईओ प्रतिनिधि विद्यानंद कुमार और
अशोक कुमार ने ग्रामीण एवं छात्रों को समझा
कर हंगामा खत्म करवाया.
मिड डे मील पर हंगामा: बच्चों ने किया प्रदर्शन
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 25, 2015
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