'तुम्हारी फाइलों में
गाँव का मौसम गुलाबी है
मगर ये आंकड़े झूठे हैं
मगर ये आंकड़े झूठे हैं
ये दावा किताबी है.' -अदम गोंडवी
बिहार के मंत्री नरेंद्र नारायण यादव और मधेपुरा जिले के पुरैनी प्रखंड
के बालाटोल में आपदा राहत के नाम पर निर्गत चार लाख रूपये का एक चेक अब फिलहाल
नहीं कैश हो सकेगा.
महंथी
यादव की विवादस्पद मौत पर राहत के नाम पर निर्गत चेक पर पुरैनी के अंचलाधिकारी ने
रोक सम्बन्धी आदेश सम्बंधित बैंक को भेज दिया है. बताया जाता है कि अंचलाधिकारी के
कार्यालय से निर्गत पत्रांक कैम्प 01 दिनांक 04.05.2015 के द्वारा सेन्ट्रल बैंक
की पुरैनी शाखा को निर्गत पत्र में अंचलाधिकारी ने चेक (संख्यां 005134, दिनांक
28.04.2015, मो० 4,00,000/-रू०) के भुगतान पर अगले आदेश तक रोक लगाने का निर्देश
दिया है.
सवालों
के घेरे में आए मामले को मधेपुरा टाइम्स ने कई सशक्त बिंदुओं के साथ उजागर किया था
जिसमें बालाटोल के महंथी यादव के परिजनों को उस पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर
चार लाख रूपये का चेक दिया गया था जिसमें महंथी की मौत वज्रपात से दर्शाया गया था,
जबकि सूत्रों के मुताबिक 21 अप्रैल को मृतक के गांव में कोई वज्रपात नहीं हुआ था
और कहा जा रहा है कि महंथी की प्राकृतिक मौत को सरकारी राहत लेने के लिए वज्रपात
से हुई मौत बताया गया था. (पढ़ें: चार लाख
की घोषणा होते ही मधेपुरा में मरने लगे लोग: विवादित हुई एक मौत पर राहत)
चेक पर
रोक लगाने की पुष्टि करते हुए पुरैनी के अंचलाधिकारी शैयद जफरूल होदा ने बताया कि मीडिया
ने जब ये मुद्दा उठाया तो हमने इसपर रोक इसलिए लगा दी ताकि मृतक के परिजन राशि की
निकासी न कर ले. पूछने पर उन्होंने बताया कि मामले की प्रशासन के द्वारा फिर से
जांच की जा सकती है. उन्होंने मुद्दा उठाने के लिए मीडिया का शुक्रिया भी कहा.
अब
देखना दिलचस्प होगा कि मामले की अगली जांच में क्या सच्चाई सामने आती है या फिर
मामला ठंढे बस्ते में जाने के बाद रोक हटा कर फिर से परिजनों को लाभ पहुँचा दिया जाता
है. (नि० सं०)
मंत्री के गाँव में विवादस्पद मौत पर जारी चेक पर लगी रोक: मीडिया में उठा था मुद्दा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 04, 2015
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