समाज में बढ़ता खुलापन पवित्र रिश्तों में दरार का एक
बड़ा कारण माना जा रहा है. विवाह नाम की संस्था में भी अब पहले से अधिक विखंडन दर्ज
किये जा रहे है. हालात ये हैं कि न्यायालय के सामने भी अब ऐसे सबूत पेश किये जा
रहे हैं, जो रिश्तों के दागदार होने की व्यथा-कथा कह जाते हैं.
मधेपुरा
जिले के घैलाढ़ (परमानंदपुर ओपी) क्षेत्र के पति और सहरसा जिले के सलखुआ
थानाक्षेत्र की पत्नी का आपसी विवाद इस कदर बढ़ गया कि जहाँ पत्नी ने पति पर
प्रताड़ना और दहेज मांगने का आरोप लगाया वहीँ पति ने पत्नी से 'बेवफाई' के आधार पर तलाक लेने के लिए
मुकदमा दर्ज किया है. मामले में पति ने उच्च न्यायालय की शरण ली है और वहाँ पति ने
पत्नी के किसी अन्य प्रेमी के साथ बातचीत का ‘डिजिटल एविडेंस’ (कॉम्पैक्ट डिस्क, सीडी) तो प्रस्तुत किया ही है, साथ ही
उसने दावा किया कि उसकी छोटी सी बेटी का पिता वो नहीं, बल्कि कोई और है. पति ने
कहा कि वह पितृत्व निर्धारण के लिए डीएनए टेस्ट कराने को भी तैयार है.
न्यायालय
ने जहाँ FSL (फॉरेंसिक साइंस
लेबोरेटरी), बिहार, पटना को सीडी में
पत्नी की आवाज की सत्यता जांचने का आदेश दिया है वहीँ डीएनए टेस्ट के लिए पति,
पत्नी और बच्ची को फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी में उपस्थित होने को कहा है.
जाहिर
सी बात है, संयम खोकर संबंधों में बिखराव दाम्पत्य जीवन में जहर घोल रहा है और ‘रिश्ते में बेवफाई’ अब समाज के सामने और अधिक खुल
कर सामने आने लगा है. (नि० सं०)
मधेपुरा के एक पति-पत्नी विवाद के फैसले में डीएनए टेस्ट का आदेश
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 02, 2015
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