
मधेपुरा
जिले के पुरैनी प्रखंड के गणेशपुर पंचायत के डुमरैल गाँव के वीरो चौधरी की डेढ़ साल
की बच्ची स्मिता कुमारी ने आज घर में ही खेलते किरासन तेल पी लिया और फिर बेहोश हो
गई. पिता फ़ौरन बच्ची को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पुरैनी ले गए. आधे घंटे के बाद
डॉक्टर साहब प्रकट हुए और जैसे ही परिजनों ने उन्हें बच्ची के किरासन तेल पीने की
बात बताई डॉक्टर केशव कुमार ने बच्ची को देखे बिना रेफर के कागजात बनाने शुरू
किये.
मौके पर
मौजूद मधेपुरा टाइम्स के संवाददाता ने जब उनसे कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र
में ‘प्राथमिक उपचार’ तो होना चाहिए, तब परिजन से
अधिक घबराए डॉक्टर ने बच्ची को एक सूई लगवाई और कहा कि यहाँ उलटी आदि कराने की कोई
व्यवस्था नहीं है. डॉक्टर साहब रिस्क तो क्या इलाज तक के मूड में नहीं दिख रहे थे.
ये
सिर्फ पुरैनी पीएचसी का हाल नहीं है, जिले भर के अन्य पीएचसी के डॉक्टर भी सिर्फ
सरकार द्वारा दिए जा रहे मानदेय उठाने के चक्कर में रहते हैं. अब इनसे भाल कौन
पूछे कि ड्यूटी से अक्सर फरार रहना और पेशेंट को देखे बिना रेफर कर देने का आपने
कौन सा ‘कॉन्ट्रेक्ट साइन’ किया था?
बच्ची पी गई किरासन तेल: ‘कांट्रेक्ट’ डॉक्टर ने बिना झंझट लिए रेफर कर दिया
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 29, 2015
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