कहते हैं प्यार अंधा होता है, पर मधेपुरा में एक
नाबालिग लड़की ने जो प्यार किया वो न सिर्फ अंधा, लंगड़ा और लूला निकला बल्कि मानसिक
दिवालिया भी साबित हुआ. इस सच्ची स्टोरी का सबसे दुखांत पहलू ये है जिस व्यक्ति के
प्रेम में पड़कर नाबालिग माँ बन बैठी उसी प्रेमी को नाबालिग लड़की ने सजा दिला दिया.
मामला
मधेपुरा जिले के मुरलीगंज थाना के वृन्दावन का है. घटनाक्रम प्रारंभ होता है 03
जनवरी 2012 से, जब 14 वर्षीय सोनी (बदला नाम) को छ: बच्चों के बाप सुनील यादव (40)
ने भगा लिया. सुनील सोनी के पिता का ट्रैक्टर चलाता था. पिता ने सुनील के खिलाफ
बेटी को बहला-फुसलाकर अपहरण का मामला दर्ज कराया.
मामले
ने तक एकनया मोड लिया जब एक साल के बाद सुनील सोनी को लेकर पंजाब से वापस लौटा तो
पुलिस ने बसस्टैंड से ही दोनों को हिरासत में ले लिया. सोनी ने न्यायालय में
स्वेच्छा से जाने की बात कही, पर चूंकि वह नाबालिग थी इसलिए कोर्ट ने सोनी को
रिमांड होम भेज दिया. हालाँकि इससे पहले सोनी ने मधेपुरा में ही एक बच्चे को जन्म
दे दिया.
पर
मामला तब अचानक से पलट गया जब ट्राइल कोर्ट ने सोनी ने बयान बदल दिया. मधेपुरा के
एडहॉक कोर्ट के अपर सत्र न्यायाधीश श्री एच. पी. त्रिपाठी के कोर्ट में सोनी ने
कहा कि नासमझी में वह भूल कर बैठी. वह अपने पिता के साथ रहना चाहती है. जाहिर सी
बात थी रिमांड होम के अकेलेपन में सोनी को वास्तविक जिंदगी की हकीकत से सामना हो
गया.
न्यायालय
ने सुनील यादव को नाबालिग का अपहरण और उसके साथ बलात्कार का दोषी ठहरा दिया. लोग
इस घटना में अपनी प्रतिक्रिया चाहे जैसे दें पर क़ानून अपनी जगह सही था. नाबालिग के
साथ सम्बन्ध बनाना भारतीय क़ानून में जुर्म है और छ: बच्चे के बाप ने एक नाबालिग के
साथ जो किया उसे समाज और कानून कभी माफ नहीं कर सकता.
एक बड़ा
दर्द इस मामले में सोनी के भविष्य को लेकर रह जाता है जिसकी गोद में पहले प्रेमी
और अब बलात्कारी का बच्चा है. (नि० सं०)
गर्भवती होकर लौटी नाबालिग ने कहा, ‘नासमझी में उससे भूल हुई’: क़ानून ने ठहराया प्रेमी को बलात्कारी
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 03, 2015
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