
विशेषज्ञ सहित कई लोग यह अंदाजा लगाते हैं
कि यदि सही तरीके से सरकार जांच करवाए तो यहाँ जमीन के अंदर किसी खनिज पदार्थ के
होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा
सकता है. इस बात की कल्पना मात्र से यहाँ के ग्रामीण
सिहर उठते हैं. ग्रामीणों को ऐसा लगता है कि यदि जांच हुई और जमीन के नीचे कुछ पाया
गया और सरकार ने यदि उसकी खुदाई का निर्णय ले लिया तो सभी को बेघर होकर विस्थापित होना
पड़ सकता है. कुछ ग्रामीण दबी जुबान से कहते हैं कि यही वजह है कि इस समस्या की जानकारी आज तक
प्रशासन व सरकार को नहीं दी गई है.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?: गर्म पानी निकलने के कारणों
के सम्बन्ध में विशेषज्ञों का मानना है कि इस बात की पूरी सम्भावना है कि जमीन के नीचे
सल्फर की परत जमे रहने की वजह से यहाँ चापाकल से गर्म पानी निकलता हो. वैसे जब तक खनन
एवं अभियंत्रण विभाग की जांच नहीं हो जाती है तबतक गर्म पानी निकलने के कारण पर यह
पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि यहाँ सल्फर के भंडार हैं या फिर अन्य कोई कारण.
एक आश्चर्य की बात यह भी है कि ग्रामीण इसे कुदरत का कमाल मानते हैं. ग्रामीण व
सूबे के मंत्री नरेंद्र नारायण यादव भी स्वीकारते हैं कि यहाँ का पानी गर्म निकलता
है, पर जांच नहीं हुई है.
जाँच का विरोध करते हैं ग्रामीण: कुछ बुजुर्ग बताते हैं
कि सन् 1940 के दशक में जब बिटिश शासकों को इस बात की भनक मिली थी तो उनके द्वारा जांच
एवं जमीन की खुदाई करने की मंजूरी भी दी गई थी, लेकिन लोगों के घर उजड़ने तथा विस्थापित
हो जाने के खौफ से मामले का विरोध कर किसी तरह से इसे टलवा दिया गया था. इस पर पूर्व
जिप सदस्य सह ग्रामीण अखिलेश कुमार, भाजपा नेता रंजन कुमार यादव रवि सहित कई अन्य कहते हैं कि
यदि सरकार द्वारा योजनाबद्ध तरीके से इसकी जांच व खुदाई करायी गयी तो ग्रामीण विरोध
नहीं करेंगे साथ ही जांचोपरान्त जहाँ लोगों को शुद्ध पेयजल नसीब हो पाएगा और यदि
यहाँ सल्फर का भंडार मिला तो सूबे के विकास के लिए नया द्वार भी खुलेगा.
कोसी के इस गाँव में चापाकल से निकलता है सालों भर गर्म पानी: यहाँ सल्फर का भंडार?
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 28, 2015
Rating:

No comments: