शिक्षा का अधिकार अधिनियम बना मखौल: शिक्षक आंदोलनरत, पठन-पाठन ठप्प

| दिव्य प्रकाश|17 अप्रैल 2015|
नियोजित शिक्षक संघ पिछले एक पखवारे से अपने अधिकारों की माँग को ले आंदोलनरत है. 9 अप्रैल से तमाम प्रारंभिक विद्यालयों में पठन-पाठन और मघ्याह्न भोजन बंद रहने से शिक्षा का अधिकार अधिनियम मखौल बनता जा रहा है जिसमें प्रावधान है कि सप्ताह में 45 घंटे शिक्षण कार्य होना आवश्यक है.
शिक्षकों का कहना है कि वे लोकतांत्रिक तरीके से अपनी मांगें मनवाने को ले धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. पर 9 दिनों से लगातार पठन-पाठन ठप होने से स्थिति गंभीर है. ग्रामीण क्षेत्रों में तो हालात बदतर हैं जहाँ शिक्षा ग्रहण करने का इकलौता स्रोत वहां अवस्थित सरकारी विद्यालय ही है. शिक्षकों की उम्मीद भी सरकार से बनी हुई है.
बिहारीगंज में बिहार पंचायत-नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रखण्ड सचिव युगेश्वर नायक की अध्यक्षता में हड़ताली शिक्षक की बैठक हुई जिसमें प्रखण्ड अध्यक्ष प्रभाष चन्द्र भाष्कर व संयोजक राजेश कुमार सिंह ने कहा सरकार की गीदर-भभकी से नियोजित शिक्षक डरने वाले नहीं हैं, जबतक सरकार वेतनमान लागू नहीं करते हैं तब तक पूरे प्रखण्ड में सभी नियोजित शिक्षकों का आंदोलन जारी रहेगा.
     मौके पर संयुक्त सचिव संजय कुमार जायसवाल, शिवराज राणा, संतोष कुमार सिंह, मोती लाल मंडल, विजय कुमार झा, संजय कुमार सुमन, जितेन्द्र, शंकर, बबली, ममता रानी, राजेश राही, रविशंकर पंकज, शिरोमनी, निर्मल, दिलीप, मृत्युंजय, नीभा, बबली, खूशबू, मनोज चौधरी तथा दर्जनों शिक्षक एवं शिक्षिकायें उपस्थित थे.
शिक्षा का अधिकार अधिनियम बना मखौल: शिक्षक आंदोलनरत, पठन-पाठन ठप्प शिक्षा का अधिकार अधिनियम बना मखौल: शिक्षक आंदोलनरत, पठन-पाठन ठप्प Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on April 17, 2015 Rating: 5

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