जब मां ममता हुई विकराल तो सुलगने से किसी तरह बचा सुपौल

एक तरफ जहाँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में बेटी बचाओ योजना में करोड़ों की राशि का प्रावधान कर मातृशक्ति की बदौलत राष्ट्रशक्ति को बढावा दे रहे हैं, वहीं सुपौल में आये दिन अबोध बच्ची के साथ दुष्कर्म पर विराम लगने का नाम नहीं ले रहा है.
रविवार को जिला मुख्यालय व जिले के छातापुर प्रखंड में घटित दुष्कर्म के बाद हत्या तथा दुष्कर्म के प्रयास की दो घटनाएं पूरे समाज को कलंकित कर गया. मामले में मां ममता जब विकराल हुई और महिला संगठन ने आंदोलन का जब बीड़ा उठाया तो पुलिस प्रशासन ने आंदोलन को दबाने में कोई कसर नहीं छोडी. आंदोलनकारियों को जबरन घसीट कर महिला पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया. वहीं मामले को शांत करने के लिए सदर थानाध्यक्ष का दबंगई रूप भी सामने आया. व्यवसायियों पर लाठियां बरसाई गई और जबरन दुकान बंद कराया गया. इतना ही नहीं भीड़ को शांत करने के लिए पुलिस ने सर्विस पिस्टल तक तान दिया. इसके बाद थोडे देर के लिए भगदड मच गयी. व्यवसायियों ने मेन रोड को जाम कर प्रदर्शन करना शुरू किया. कुछ उपद्रवी पुलिस सहायता केंद्र को आग के हवाले कर पुलिस विरोधी नारे लगाने लगे.
मामला गंभीर देख प्रशासन ने महावीर चौक व सदर अस्पताल को पुलिस बल से भर दिया. समय के साथ स्थिति सामान्य हो पाई और सुपौल सुलगने से बच पाया. सदर थानाध्यक्ष राजकिशोर बैठा ने बताया कि हिरासत में लिए गये पांच महिला व एक पुरूष को जमानतीय धारा के तहत छोड दिया गया. मामले में कांड संख्या 91/15 दर्ज कर अग्रेत्तर कार्रवाई की जा रही है.
जब मां ममता हुई विकराल तो सुलगने से किसी तरह बचा सुपौल जब मां ममता हुई विकराल तो सुलगने से किसी तरह बचा सुपौल Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on March 02, 2015 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.