
मुरलीगंज में रेल सुविधाओं को लेकर रेल संघर्ष समिति
और उद्भव एक प्रयास के संरक्षक बाबा दिनेश मिश्र ने आज के रेल बजट पर अपनी
प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह कोशी
वासियों के लिए घोर निराशा जनक रेल बजट है. लेकिन यात्रियों के सुविधा व सुरक्षा के लिए सूचना-तकनीक पर जोर, महिला सुरक्षा बुजुर्ग एवं गर्भवती महिलाओं के लिए
लोअर बर्थ की संख्या बढाने, रेल किराया नहीं बढाना, जेनरल डिब्बे में
मोबाइल चार्जिंग, 104 ट्रेनों में ई-कैटरिंग, 400 स्टेशनों पर वाई-फाई की सुविधा निश्चित ही प्रशंसनीय है.
भाजपा पंचायती राज मंच के जिलाध्यक्ष आभाष आनंद झा
मानते हैं कि भाजपा को कोशी
में सीट नहीं मिलने की प्रतिक्रिया है रेल
कारखाना चालू नहीं करना. बड़ी लाइन से कटिहार
और मधेपुरा को नहीं जोड़ना और साथ ही ललित बाबू का सपना कि मधेपुरा से बीरपुर रेल खंड का निर्माण हो की उपेक्षा की गयी है, जो दुखद है.
कोशी जैसे
पिछड़े इलाके के साथ ये नाइंसाफी है. ऐसे में सबका विकास कैसे संभव होगा? बाकी घोषणा किराया नहीं बढ़ाना और सुविधा बहाल करना
काबिले तारीफ़ है.
बसपा नेता गुलजार कुमार उर्फ बंटी यादव भी इस बजट को
काफी निराशाजनक मानते हैं. वे कहते हैं
कि कोशी को काफी उम्मीद थी इस
नयी सरकार से. सबका साथ सबका विकास नारा ख़त्म होता दिख रहा है.
मधेपुरा के व्यवसायी अमित कुमार सिंह मोनी कहते हैं
कि इस रेल बजट को आप बहुत अच्छा बजट नहीं कह
सकते हैं. इस बजट में रेल किराया नहीं बढ़ना तय था क्योंकि ये सरकार 9
महीने किराया बढ़ा चुकी थी. रही कमी की बात तो इस बजट में यात्रियों के
सुख-सुविधा और भीड़ नियंत्रण के कोई ठोस पहलू नजर नहीं आया.
वहीँ मधेपुरा के प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन
वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष कहते हैं कि प्रभु के रेल बजट मे जहाँ अच्छी बात है कि पहले से प्राप्त गाड़ियों को मेंटेन किया गया वही माल गाडी का किराया बढ़ा कर अपरोक्ष रूप से आम जनता की जेब पर कैंची मारा है. कुल मिलाकर कह सकते है राजनीति की रोटी सेंकी गई, बेचारी असहाय जनता.
(ब्यूरो रिपोर्ट)
बहुत नाइंसाफी है ये?: कोसी को निराश कर गया रेल बजट
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
February 26, 2015
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