‘यदि विचारधारा पर भाजपा आती है तो सपोर्ट लेने में दिक्कत नहीं है’: पप्पू यादव

मधेपुरा में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मधेपुरा के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कहा कि गांधारी के श्राप के बाद भी धृतराष्ट्र की मौन स्वीकृति के कारण महाभारत का आगाज हुआ. पूरी सेना कौरवों के साथ थी, फिर भी कृष्ण पांडव के साथ थे, धर्म के साथ. मुझे कृष्ण रूपी गरीब चाहिए, दलाल रूपी सेना की परवाह नहीं है.
      जिला मुख्यालय के अतिथिगृह में आज प्रेस वार्ता में सांसद पप्पू यादव ने कहा कि मैं अपनी औकात समझता हूँ. मेरी औकात गरीब और आम आदमी है. और मैं आम आदमी के बदले सत्ता, एमपी या मंत्री बनने के लिए समझौता नहीं कर सकता.
      सांसद ने कहा कि 1982 से अबतक मेरे व लालू जी के रिश्ते पारिवारिक और अन्तरंग रहे है तो उनका उत्तराधिकारी कौन? सामजिक न्याय और विचारधारा का वारिश कौन होता है ये जनता तय करेगी. उन्होंने कहा कि मैं अपने नेता को कहना चाहूँगा कि सत्ता के लिए आपके इर्द गिर्द घूमने वाले लोग आपको धृतराष्ट्र बनाना चाहते हैं. लालू जी ने बीईस दिन पहले कहा था कि हम मांझी के साथ हैं तो हमने भी मन बना लिया था. फिर उन्होंने कब अपना स्टैंड बदला, हमें कोई खबर नहीं की. विचारों में वेश्या की तरह कपड़े नहीं बदले जाते. उन्होंने कहा कि ललन सिंह और पी.के. शाही ने सैंकड़ों करोड़ रूपये लेकर भाजपा को लाने कि साजिस रची है.
      मांझी की सरकार बचेगी या नहीं के प्रश्न पर मधेपुरा सांसद ने कहा कि मैं न तो विधायक हूँ और न ही ज्योतिषी. भाजपा से सपोर्ट के मामले पर उन्होंने कहा कि यदि विचारधारा पर बीजेपी आती है तो सपोर्ट लेने में दिक्कत नहीं है.
      सांसद ने कहा कि लालू जी जब मुख्यमंत्री की कुर्सी पर थे तब यहाँ से चुनाव हारे हैं और नीतीश के मुख्यमंत्री रहते शरद यादव यहाँ से चुनाव हार गए. कोसी के लोगों ने हमेशा इतिहास लिखा है. कोई यहाँ स्वयम्भू भगवान या ताकत बनने की कोशिश न करे. उन्होंने कहा कि हिजरे की फ़ौज बच्चे पैदा नहीं करती है.
‘यदि विचारधारा पर भाजपा आती है तो सपोर्ट लेने में दिक्कत नहीं है’: पप्पू यादव ‘यदि विचारधारा पर भाजपा आती है तो सपोर्ट लेने में दिक्कत नहीं है’: पप्पू यादव Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on February 15, 2015 Rating: 5

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