मधेपुरा के एक अद्भुत समाजसेवी
स्व० रामानंद प्रसाद
मंडल उर्फ झल्लू बाबू की विधवा पत्नी हरिसुन्दरी देवी उर्फ गुलाब देवी अब हमारे बीच नहीं रहीं. 23
मार्च 2012 को पति की मौत के बाद बिलकुल टूट सी गई गुलाब देवी ने 82 साल की उम्र
में मधेपुरा स्थित अपने आवास में अंतिम साँसे लीं.
नारी
शिक्षा के अग्रदूत माने जाने वाले और मधेपुरा में केशव कन्या इंटर स्तरीय उच्च विद्यालय की स्थापना करने वाले स्व० झल्लू
बाबू ने आजादी की लड़ाई के दौरान नमक सत्याग्रह में महात्मा गांधी के साथ जुड़े थे
और 95 वर्ष की आयु में मृत्यु से पूर्व तक किये गए उनके सामाजिक और राजनैतिक कार्यों
की फ़ेहरिस्त काफी लंबी है. बताया जाता है कि उनके कार्यों मी उनकी पत्नी का
जबरदस्त सहयोग रहा करता था. झल्लू बाबू की मौत के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश
कुमार के कार्यकाल में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार केशव कन्या इंटर स्तरीय उच्च विद्यालय के परिसर में हुआ था.
सरकार ने उनके सम्मान में मधेपुरा स्थित डीआरडीए भवन का नाम झल्लू बाबू के नाम पर
रखा है.
जहाँ बिहार दिवस की देर रात को झल्लू बाबू का निधन हुआ था वहीँ आज गणतंत्र दिवस पर हुए हरिसुन्दरी
देवी उर्फ गुलाब देवी के निधन का समाचार पाते ही उन्हें जानने वाले लोगों के बीच
शोक की लहर फ़ैल गई. परिवार के अत्यंत ही निकटतम रहे सामाजिक कार्यकर्ता शौकत अली
कहते हैं कि झल्लू बाबू की इच्छा थी कि उनकी पत्नी का अंतिम संस्कार भी उसी जगह के
बगल में हो जहाँ उन्हें जलाया जाय.
मौत से एक
दिन पहले मधेपुरा के बी० एन० मंडल स्टेडियम में तत्कालीन जिला पदाधिकारी मिनहाज आलम
की उपस्थिति में झल्लू बाबू ने जो भाषण दिया था उसे सिर्फ मधेपुरा टाइम्स ने रिकॉर्ड
किया था. हम चाहेंगे कि उस अविस्मरणीय और नेता व आम जनता की चेतना जगाने वाले ऐतिहासिक
भाषण को आप जरूर सुनें ताकि ये जाना जा सके कि वे कितने महान थे. सुनने के लिए यहाँ क्लिक करें.
चिरनिंद्रा में सो गई महान समाजसेवी स्व० झल्लू बाबू की विधवा गुलाब देवी
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
January 26, 2015
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