



स्थापित की गई स्थायी मूर्ति: लगभग सारे जगह जहाँ
विसर्जन योग्य मिट्टी और प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियां स्थापित की गई वहीँ
मधेपुरा जिले के सिंहेश्वर प्रखंड के रामपट्टी में इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने माँ
शारदे की प्रतिमा को स्थायी रूप से स्थापित किया और इस अवसर पर एक भव्य समारोह का
आयोजन किया गया. मौके पर आयोजित यज्ञ में महिला और पुरुषों की बड़ी भीड़ दिखाई दी और
लड़कियों ने कलश यात्रा भी निकाली. मौके पर पैक्स अध्यक्ष सूरज सिंह के नेतृत्व में
एक मोटरसायकिल जुलूस भी भक्तों के द्वारा निकाला गया.
बसंत पंचमी में बच्चों को पकड़ाया
जाता है
स्लेट: हिन्दू धर्म में अधिकाँश अभिभावक आज के रोज ही अपने छोटे बच्चे को स्लेट और
पेन्सिल पकड़ा कर उनकी पढ़ाई की शुरुआत करवाते हैं. विद्या की देवी माँ सरस्वती की
प्रतिमा के सामने पंडित मंत्रोच्चारण करते हैं और पढ़ाई शुरू करने योग्य बच्चे के
हाथ में स्लेट-पेन्सिल या फिर कॉपी-कलम देकर उनसे देवनागरी का कोई अक्षर लिखवाया
जाता है. उनका मानना है कि ऐसा करने से माँ सरस्वती की कृपा बच्चे पर बनी रहेगी.

दो दिन होगी सरस्वती पूजा: इस बार कई श्रद्धालु
जहाँ आज सरस्वती पूजा कर रहे हैं वहीँ कुछ के द्वारा कल भी माँ शारदे की पूजा की
जायेगी. कहा गया कि जहाँ काशी पंचांग में बसंत पंचमी के आज होने की बात कही गई
वहीँ मिथिला पंचांग में बसंत पंचमी कल है. जानकारी दी गई कि मधेपुरा के निजी
स्कूलों में सरस्वती पूजा कल मनाई जायेगी.
विसर्जन में आ सकती है समस्या: दो दिन सरस्वती पूजा
मनाये जाने और उसके अगले दिन गणतंत्र दिवस होने से इस बार प्रतिमा विसर्जन के
दौरान विधि-व्यवस्था की समस्या सामने आ सकती है. ऐसे में जहाँ श्रद्धालुओं को अधिक
जिम्मेवारी लेनी होगी वहीं पुलिस प्रशासन को भी अधिक सतर्कता बरतनी होगी. विसर्जन
के दौरान पियक्कड़ श्रद्धालुओं को दूर रखने की आवश्यकता है.
श्रद्धा और उल्लास के साथ की जा रही है माँ शारदे की पूजा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
January 24, 2015
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