मधेपुरा में मानवाधिकार हुआ शर्मशार: वार्ड पार्षद की मदद से दबंगों ने दीवार में कैद किए कई परिवार ! (भाग-1)

मिली
जानकारी के अनुसार वार्ड नं. 1 में
मधेपुरा के जेनरल हाई स्कूल के शिक्षक प्रभु
महतो के घर के गेट के सामने एक ऊँची दीवार जबरन खड़ी कर दी गई है. घर में मौजूद
किरायेदारों के दो परिवार घर में ही कैद होकर रह गए हैं. कहते हैं कि दीवार देते
समय घटना स्थल पर आपात स्थिति से निपटने के लिए कई मुस्टंड मौजूद थे. मकान मालिक शिक्षक
प्रभु महतो कहते हैं कि मेरे भाड़े में एक महिला रोगी भी है जो अभी पटना से ऑपरशन
करा के वापस आई है. श्री महतो बताते हैं कि भूकंप की रात भी कोई घर से बाहर नहीं निकल
पाया था. अभी दीवार के बगल में कुर्सी लगाकर फांद कर मर्द जरूरी सामान लाने बगल के खेत से जा पाते हैं. महिलायें पूरी तरह कैद हैं.
प्रभु
महतो का कहना है कि मेरे घर के सामने के तारा देवी पति शिवनंदन मंडल के द्वारा जिस
रास्ते को दीवार से बंद कर दिया गया है वो रास्ता 23 साल पुराना है. प्रभु महतो और
परिजन वार्ड पार्षद दुखा महतो पर आरोप लगाते कहते हैं कि वार्ड पार्षद के ही
उकसाने पर यह दीवार दी गई है. मधेपुरा के पुलिस अधीक्षक को दिए गए आवेदन में प्रभु
महतो की पत्नी रेणु कुमारी ने यहाँ तक आरोप लगाया है कि कुछ दिन पहले दुखा महतो के
पुत्रों ने उनके और उनके पति के साथ मारपीट कर जान से मारने की धमकी भी दी थी, पर
पुलिस को खबर उन्होंने इसलिए नहीं किया कि तुरंत में एक पंचायत करके मामले को
सुलझाने का आश्वासन दे दिया गया था. पर अब मामला यहाँ तक आ पहुंचा है कि
चहारदीवारी के अंदर बच्चे महिला, पुरुष सारे कैद हैं और वार्ड पार्षद कह रहे हैं कि
कोई समस्या नहीं है. वार्ड पार्षद दुखा महतो कहते हैं कि प्रभु महतो पीछे से दीवार
तोड़ दें तो पीछे की जमीन वाले इन्हें रास्ता दे सकते हैं. इनकी बातों से ऐसा
प्रतीत होता है कि वार्ड पार्षद पूरे मामले को दिग्भ्रमित करने का प्रयास कर रहे
हैं.
पीड़ित प्रभु महतो के परिजन खुलासा
करते हुए कहते हैं कि तारा देवी ने दबंगई से गेट को इसलिए बंद कर दिया कि
वार्ड पार्षद दुखा महतो तारा के मौसा लगते हैं. कहते हैं कि दीवार देते समय घटना
स्थल पर बहुत पूर्व जमीन मालिक रहे रामोतार यादव भी अपने लोगों के साथ तारा और
दुखा के समर्थन में मौजूद थे. कहा जा रहा है कि नगर परिषद् में गत 15 नवंबर और 7
दिसंबर को प्रभु महतो ने रास्ते से संबधित आवेदन भी दिया था, पर नगर परिषद् ने
शायद इसलिए कार्यवाही नहीं की कि मामले में वार्ड पार्षद दुखा महतो ‘इंटेरेस्टेड’ हैं.
हालांकि गनीमत कि बात ये हैं कि इस मामले की खबर मधेपुरा के
जिलाधिकारी को दी जा चुकी है और जिलाधिकारी गोपाल मीणा ने मधेपुरा के अंचलाधिकारी
को जांच का आदेश दे दिया है. अंचलाधिकारी उदय कृष्ण यादव ने मधेपुरा टाइम्स को
बताया कि वे स्थल कि जांच कर चुके हैं, मामला गंभीर है. वे कल इसकी पूरी रिपोर्ट
जिलाधिकारी को अग्रिम कार्यवाही के लिए सौंप सकते हैं.
मधेपुरा नगर परिषद् क्षेत्र में घटी ये घटना
न सिर्फ मानवता को शर्मशार करती है बल्कि उन जनप्रतिनिधियों की भी वैसी करनी उजागर
करती है जिसकी वजह से भारत में राजनीति को बहुत सारे लोग ‘घटिया’ जैसा शब्द मानते हैं. (क्रमश:)
सुनिए कैद के लोगों की पीड़ा,
वीडियो में, यहाँ क्लिक करें.
(अगले अंक में वार्ड पार्षद दुखा
महतो और मुख्य पार्षद विशाल कुमार बबलू ने किस तरह अपनी प्रतिक्रिया दी और क्या है
मामले की तह में कुछ और बातें?)
(वि० सं०)
मधेपुरा में मानवाधिकार हुआ शर्मशार: वार्ड पार्षद की मदद से दबंगों ने दीवार में कैद किए कई परिवार ! (भाग-1)
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 21, 2014
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ये गलत है। प्रशासन और समाज को इसका तुरंत कोइ समाधान निकालना चाहिए, जिससे की पीरित परिवार को इंसाफ मिले।
ReplyDeleteManvta sarmsar awas hue hi lekin es me loha or lohar ki bat bhi hi tab yesa huwa hi
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