कभी कुख्यात डकैतों के गाँव टेंगराहा-भोंकराहा की समस्याओं के समाधान के लिए जिला प्रशासन लगा रही है शिविर
|नि० सं०|11 दिसंबर 2014|
कभी घोड़ों की टाप से थर्राते इलाके
टेंगराहा-भोंकराहा में आगामी 13 दिसंबर को मधेपुरा जिला प्रशासन ग्राम विकास शिविर
का आयोजन कर रही है. कुमारखंड प्रखंड के टेंगराहा-भोंकराहा पंचायत के भोंकराहा
गाँव के आत्मसमर्पण मध्य विद्यालय में लगने वाले इस शिविर में सरकार स्वास्थ्य
सुविधाओं से लेकर भूमिहीन दलितों को भूमि मुहैया कराने के लिए भी आवेदन लेगी. मधेपुरा
के जिला पदाधिकारी गोपाल मीणा के आदेश से दाखिल खारिज समेत शिक्षा तथा बच्चों की
समस्याओं को भी दूर करने के प्रयास किये जायेंगे. लाभुकों को न सिर्फ पेंशन आदि की
सुविधा भी दी जायेगी बल्कि इंदिरा आवास के द्वितीय किस्त का भी भुगतान फ़ौरन किया
जाएगा.
जिला
प्रशासन का यह कदम निश्चित रूप से सराहनीय है क्योंकि मधेपुरा जिले का यह गाँव कभी
सबसे बदनाम रहा है और इसे ‘डकैतों का गाँव’ भी कहा जाता है. नीतीश सरकार ने यहाँ के डकैतों को कई
योजनाओं का लालच देकर वर्ष 2005 में सिंहेश्वर के मवेशी हाट में इनसे आत्मसमर्पण
तो करा लिया था पर जब इसी अप्रैल में मधेपुरा टाइम्स ने इन पूर्व डकैतों की सुधि
ली तो पाया गया कि सरकार ने इन्हें सपने दिखाकर इन्हें ठगा था. दाने-दाने को
मुंहताज इनके परिवारों को पुलिस आज भी डराती थी. (पढ़ें: यदि फिर डकैतों ने उठा
लिए हथियार, तो?)
पर ऐसे में
जिला प्रशासन का ये नया कदम इन्हें भी समाज की मुख्यधारा में जोड़कर इनकी समस्याओं
को यदि दूर करता है तो ये मधेपुरा के लिए एक बड़ी बात होगी.
कभी कुख्यात डकैतों के गाँव टेंगराहा-भोंकराहा की समस्याओं के समाधान के लिए जिला प्रशासन लगा रही है शिविर
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 12, 2014
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