
मामला
चौसा प्रखंड के अरजपुर पश्चिमी पंचायत की है जहाँ आज अचानक मधुरापुर के मुसहरी में
चल रहे बच्चों के स्कूल का स्थान बदलकर मधुरापुर के एक दूसरे स्थान पर कर दिया
गया. इस घटना का विरोध कर रहे लोगों ने बताया कि मुसहरी टोला में वर्ष 2000 से ही
स्कूल चल रहा था जिसकी जमीन राधे ऋषिदेव ने दान में दी थी. स्कूल 2006 में स्वीकृत
हुआ था और बस्ती के लोगों को इस स्कूल से बड़ी सुविधा हुई थी.
पर आज
अचानक जब स्कूल की जगह बदल दे गई तो लोगों को पता चला कि किसी कैलाश प्रसाद ने अब
अपनी जमीन इस स्कूल के लिए दी तो अधिकारी जगह बदल रहे हैं. लोगों का कहना था कि
राधे ने जब जमीन दी ही थी तो फिर किस राजनीति के तहत इसी स्कूल के लिए नए व्यक्ति
से जमीन ली गई.
दर्जनों
महादलितों ने बीआरसी (प्रखंड संसाधन केन्द्र) के सामने आक्रोश प्रदर्शन किया और
बीडीओ तथा बीईओ से स्कूल को पुराने जगह करने की मांग की.
स्कूल का स्थान अचानक बदल देने से महादलितों में आक्रोश
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 22, 2014
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