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उधर
मधेपुरा नगर परिषद् के मुख्य पार्षद भी मामले से बेपरवाह दिखते हैं. पूछने पर कहते
हैं कि मामले के बारे में उन्हें पूरी जानकारी नहीं है. जानकारी ले लेते हैं और
यदि रास्ता नहीं है तो लोगों की मदद से उन्हें दिलाने का प्रयास किया जाएगा.
मुख्य
पार्षद विशाल कुमार बबलू का कथन कहीं से संतोषजनक नहीं है. चार दिनों से उनके नगर
परिषद् क्षेत्र में कई परिवार घर में कैद हैं और अभी तक उन्होंने मामले की पूरी
जानकारी तक नहीं ली है. उधर पीड़ित प्रभु महतो कहते हैं कि उन्होंने इस मामले में
मुख्य पार्षद से गुहार लगाई थी, पर बाद में जवाब मिला कि आप प्रोसेस में जाइए.
अपने ही क्षेत्र में पीड़ित परिवार की हालत देखने जाने की बजाय मामले की पूरी
जानकारी नहीं होना या पीड़ित परिवार को सीधे प्रोसेस में जाने बात कहना नगर परिषद् की
जनता के साथ मजाक जैसा है. अपने और दबंग लोगों की मदद से वार्ड पार्षद पर दीवार
देने के आरोप लगे हैं तो फिर अब किन लोगों की मदद से रास्ता दिलवाया जाएगा, समझ से
परे है.
क्या हो सकता है मामले में?: जानकारों का मानना है
कि किसी भी घर के व्यक्ति को घर से निकलने के लिए रास्ता किसी भी हालत में मिलेगा.
वैसे भी किसी भी परिवार या व्यक्ति को इस तरह कैद नहीं किया जा सकता है. मामले में
घर में बंद यूनिवर्सिटी के हीरा प्रसाद सिंह साफ़ कहते हैं कि यहाँ के कुछ लोग
न्यायपालिका की भूमिका में आ गए हैं और बिना न्यायालय की प्रक्रिया के उन्हें कैद
में डाल दिया गया है.
वैसे भी
नगर परिषद् क्षेत्र में ही बस स्टैंड के पास हाल में ठीक इसी तरह का विवाद उठा था.
पीड़ित परिवार ने एसडीओ के पास 147 द.प्र.सं के तहत मुकदमा दर्ज कराया था और वहाँ
भी प्रशासन के आदेश से दीवार टूट गई.
जाहिर
सी बात है यहाँ भी पीड़ित परिवार को निकलने के लिए भले ही नगर परिषद् रास्ता न
निकाले, रास्ता तो निकलेगा ही. लोगों की नजरें जिला प्रशासन पर टिकी हैं. (क्रमश:)
देखिये इस वीडियो में कैसे बरगला रहे हैं वार्ड पार्षद और क्या कहा मुख्य पार्षद ने, यहाँ क्लिक करे.
देखिये इस वीडियो में कैसे बरगला रहे हैं वार्ड पार्षद और क्या कहा मुख्य पार्षद ने, यहाँ क्लिक करे.
(वि० सं०)
कैद में छठा दिन, टूट सकती है दबगों की दीवार (2): पर नगर परिषद् क्यों हुआ बेचारा?
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 22, 2014
Rating:
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इस तरह की घटनाओ का तुरंत निपटारा होना चाहिए.. पीरित परिवार की मुश्किलों का समाज को सोचना चाहिए..
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