निर्भया की याद में (1): मधेपुरा में कितनी सुरक्षित हैं महिलायें: टीपी कॉलेज छेड़खानी मामले में छात्रा ने दिखाई थी हिम्मत, पूछने पर कहा था तुम्हारी नानी से कर रही हूँ बात
16 दिसंबर 2012. आज के दिन ही दिल्ली में निर्भया गैंगरेप. पूरे भारत में
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर प्रदर्शनों क दौर शुरू हुआ था. महिलाओं और छात्राओं के
अलावे छात्र भी उस आंदोलन का हिस्सा बने थे. मधेपुरा में भी कई प्रदर्शन हुए थे.
पर क्या हुआ उसके बाद ? क्या महिलायें सुरक्षित हो गईं? मधेपुरा टाइम्स ने इस प्रश्न का उत्तर मधेपुरा
की दर्जनों लड़कियों और महिलाओं से जानना चाहा तो जो उत्तर मिले उसे जानकर आप निराश
हो जायेंगे.
पर उससे
भी ज्यादा निराश करने वाली वो घटना थी जिसमें गत 11 दिसंबर को सरेआम एक कॉलेज
कर्मचारी के बेटे ने एक छात्रा के साथ बदतमीजी का दी थी. इस मामले का सबसे शर्मनाक
पहलू ये रहा कि छात्रा के हिम्मत करने के बावजूद उस छात्र ने बदतमीजी को अंजाम दे
दिया. छात्रा का हिम्मत करना बेकार गया और मधेपुरा में कॉलेज प्रशासन ने भी उस ‘दबंग मजनू’ को बचा के सहयोग करने का ही काम
किया. सूत्रों का कहना है कि तत्कालीन प्राचार्य दवाब में आकर आवेदन बदलकर अज्ञात के खिलाफ कर दिया.
जबकि
घटना ये थी कि छात्रा कॉलेज गेट के पास मोबाइल पर अपने भाई से बात कर रही थी तो उस
लड़के ने गलत अंदाज में छात्रा से पूछा था कि किससे बात कर रही हो? तो छात्रा ने
हिम्मत दिखाते हुए उसे फटकारते हुए कहा था कि तुम्हारी नानी से. बस उसके बाद उस
छात्र ने छात्रा को गंदी-गंदी बातें कहना शुरू कर दिया था. हालांकि कुछ जागरूक
छात्रों ने इस घटना का विरोध करते हुए उक्त छात्र की मोटरसायकिल तक पकड़ ली थी, पर
चूंकि वह छात्र कॉलेज कर्मचारी का बेटा था इसलिए जानने वाले कुछ लोगों ने उसे भगा
दिया.
सवाल
बड़ा है, मधेपुरा का जब ऐसा माहौल हो तो फिर कैसे करें लड़कियां हिम्मत? जरूरत है
यदि हम सही को सही कहते हैं तो गलत को भी गलत ही कहें, सही नहीं.
(वि० सं०)
निर्भया की याद में (1): मधेपुरा में कितनी सुरक्षित हैं महिलायें: टीपी कॉलेज छेड़खानी मामले में छात्रा ने दिखाई थी हिम्मत, पूछने पर कहा था तुम्हारी नानी से कर रही हूँ बात
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 16, 2014
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