वैसे तो मधेपुरा जिले के बिजली विभाग की करतूत काफी
पहले से ही अजब-गजब है, पर नया मामला भी कुछ कम नहीं. बिजली विभाग ऐसे लोगों को भी
बिजली का बिल भेज रहा है जिन्हें बिजली की सुविधा भी मुहैया नहीं है.
जिले के कुमारखंड प्रखंड अंतर्गत
लक्ष्मीपुर चण्डी स्थान महादलित टोला में राजीव गाँधी विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत
लगा ट्रांसफर्मर का सामान पिछले ढ़ाई साल पहले चोरी हो गया है. जिसके लिए ग्रामीणों
ने मधेपुरा में 16 अगस्त 2012 को आवेदन विद्युत विभाग को दिया था, लेकिन अभी तक ना तो कोई विभाग के कर्मी की नजर लक्ष्मीपुर
चण्डी स्थान के महादलित टोला से चोरी हुए ट्रांसफर्मर पर परा है, परन्तु उससे ज्यादा हैरानी
की बात यह है कि चोरी हुए ट्रांसफर्मर के बावजूद भी बिजली विभाग के द्वारा बिजली बिल
अभी तक प्रत्येक माह भेजा जा रहा है. वहीं गाँव के सरपंच प्रकाश ऋषिदेव बताते है कि
बिजली विभाग के द्वारा बिजली बिल पर लिखा जाता है कि बिजली की चोरी करने पर तीन साल
तक जेल की सजा. मीटर से छेड-छाड करने या बायपास करने पर जेल या जुर्मना की सजा एवं
स्वीकृत से अतिरिक्त भार देने पर दोनो सजा उपभोक्ता को दी जाऐगी. लेकिन विभाग जब चोरी
हुए ट्रांसफर्मर के लिखित आवेदन के बाद भी बील भेजे तो उसे कौन सी सजा दी जाए. इसका
फैसला कौन करेगा. लक्ष्मीपुर चण्डी स्थान के सिकेन्द्र ऋषिदेव, मुकेश कुमार वर्मा,
उपेन्द्र पासवान,
डोमी मंडल,
धीरो मंडल,
मो. मुस्तकिम,
मो. मुराद आलम,
गणेशी ऋषिदेव,
सहाबुद्धीन,
मसो. सलीमा खातुन तथा
अन्य ग्रामीणों ने बताया कि यदि जल्द से जल्द चोरी हुए ट्रांसफर्मर के जगह पर नए ट्रांसफर्मर
लगाने की और विभाग द्वारा जारी किये जा रहे बिजली बिल मे सुधार करने की माँग की है.
साथ ही ग्रामीणों ने बताया कि यदि हमारी मांगें पूरी नही की गई तो हम लोग चरणबद्ध तरीके
से आँदोलन करेंगे. वहीं शुक्रवार को प्रखंड के सिंहपुर गांव में एक वर्ष पूर्व से ट्रांसफर्मर
जले रहने से उपभोक्ता ने मीरगंज-जदिया राज्य पथ को जाम कर विरोध जताया. उपभोक्ता ट्रांसफर्मर
बदलने की मांग कर रहे थे. शुक्रवार को करीब 10:00 बजे जाम रहने से सैकड़ों वाहन की
लंबी कतार लगी हुई थी. उपभोक्ताओं ने कहा कि कई बार आवेदन देने पर भी ट्रांसफर्मर नही
बदला गया है और बिजली विभाग के द्वारा लगातार बिजली बिल भी भेजा जा रहा है.
इस बीच उपभोक्ता मो. नजीर,
मो. सब्बीर,
हीरा यादव,
मो. रब्बान,
धीरेन्द्र यादव,
मो. रसूल, बीबी रबून, मो. कब्बूल, शंकर कुमार आदि का कहना था
कि पिछले वर्ष सितंबर 2013 में जले ट्रांसफर्मर के बदले विधूत अभियंता से नए ट्रांसफर्मर
की मांग की गई थी. उपभोक्ता थानाध्यक्ष राजेश कुमार के समक्ष पहुंचे. थानाध्यक्ष के
द्वारा उपभोक्ताओं को राज्य पथ जाम करना अवैध बताते हुए उचित माध्यम के समक्ष जाने
को कहा. थानाध्यक्ष के द्वारा उपभोक्ताओं को समझाने बुझाने के बाद राज्य पथ जाम को
समाप्त किया गया.
ट्रांसफार्मर का पता नहीं, विभाग भेज रहा बिजली बिल
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 22, 2014
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