वार्ड पार्षदों को मानदेय और अन्य सुविधाओं की मांग उठी मधेपुरा से

|नि० सं०|22 नवंबर 2014|
पंचायती राज के तहत शहरों के विकास की धुरी बने वार्ड पार्षद को सरकारी सुविधा नदारद है. लोकतंत्र के सजग प्रहरी जनप्रतिधियों में सांसद, विधायक आदि को तो सरकार सुविधाओं के ढेर पर बिठा दिया है, पर वार्ड पार्षदों, मुख्य पार्षदों के द्वारा किये जाने वाले कई महत्वपूर्ण कार्य सुविधाओं के अभाव में इनके द्वारा करना मुश्किल हो जाता है और जाहिर है परिणामस्वरूप शहरों का समुचित विकास बाधित हो रहा है.
            पर शायद वार्ड पार्षदों के लिए सुविधा की मांग पर किसी का ध्यान गहराई से नहीं गया और यदि गया भी तो इस मांग को अबतक सूबे में सशक्त रूप से उठाने कोई सामने नहीं दिखा. पर मधेपुरा नगर परिषद् के सबसे उन्नत में से एक वार्ड, वार्ड नं. 18 के वार्ड पार्षद मुकेश कुमार ने पहली बार वार्ड पार्षदों की समस्याओं की तरफ सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए उन्हें सरकार से क्या सुविधाएँ मिलनी चाहिए, इस पर एक फॉर्मूला तैयार किया है. सात सूत्री मांगों को तैयार कर जब अन्य नगर परिषद् और नगर पंचायत के सदस्यों के सामने रखा तो सबके हित में उठाई गई इन जायज मांगों को सबका समर्थन मिलना स्वाभाविक ही था.
          वार्ड पार्षद मुकेश कुमार ने वार्ड पार्षदों के लिए मानदेय की मांग, मुख्य पार्षद/ उप मुख्य पार्षद के मानदेय में वृद्धि, बिहार के सभी नगर निगम, नगर परिषद्, नगर पंचायत में वार्ड वार साल में 50 लाख की राशि सरकार से निर्गत करने, प्रत्येक वार्ड पार्षदों को कम्प्यूटर-इंटरनेट की सुविधा देने, कार्यकाल के दौरान वार्ड पार्षद के आश्रितों को सरकार से 10 लाख रूपये की मदद समेत मृत्यु बीमा की मांग सरकार से की है.
      इन मांगों के समर्थन में मधेपुरा के अन्य वार्ड पार्षद समेत मुरलीगंज नगर पंचायत के सदस्य भी सामने आ रहे हैं. पार्षद मुकेश कुमार ने बताया कि खुद के खर्चे से मांगों की समर्थन में पत्र बिहार भर के वार्ड पार्षदों को भेजा जा रहा है ताकि सबों का समर्थन मिलने के बाद इन जायज मांगों पर मजबूती से सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया जा सके.
वार्ड पार्षदों को मानदेय और अन्य सुविधाओं की मांग उठी मधेपुरा से वार्ड पार्षदों को मानदेय और अन्य सुविधाओं की मांग उठी मधेपुरा से Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on November 22, 2014 Rating: 5

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