मधेपुरा जिले के चौसा प्रखण्ड के पैना में आयोजित 21.11.2014
से 2 दिवसीय जलसा में दूर-दूर से आये मोक्करीर (वक्ता) तथा शायर कारी मो० निशार अहमद,
मौलाना जिकरूल्लाह कादरी
बरैली,
मौलाना जियाउद्दीन छत्तीसगढ़,
मौलाना मोइनउद्दीन मालदह बंगाल,
मौलाना नबिल अख्तहर दिल्ली,
हजरत इब्राहीम रजा चतुर्वेदी
नेपाल,
हलचल सूबहानी,
अहमद रजा कानपूरी,
मौलाना दाबर अशरफी को सुनने भारी जनसैलाब
उमड़ पड़ा.
शायरों ने लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया वही
मोक्करीर मौलाना जियाउद्दीन छत्तीसगढ़ ने अपने तकरीर मे कहा कि कामयाब मुसलमान वही है
जो इसके रसूल है, जो मोहम्मदसल्लाह अलयहे वसल्लम और हसने हुसैन सच्ची मोहब्बत करेगा
वही दुनियाँ और अखिरत दोनों में कामयाब है. वे आज के पीर साहब पर भी काफी बरसे और
कहा कि पीरी लिबास पहनने से कोई पीर नही हो जाता. नमाज का पता नही कहलवाते है पीर साहब.
वहीं हजरत इब्राहीम रजा चतुर्वेदी ने आज के मुसलमानों के बारे में कहा कि न रोजा से
वास्ता है न ही नमाज से, ऐसे में मुसलमान गर्क में जाता चला जाएगा. उन्होंने
आज की औरतों के बारे में बताया कि आज की औरत शौहर को शौहर नही समझती है और खर्चीली
हो गई है. बीच-बीच में नारे तकविर नारे रसालत के नारे लगते रहे.
इस जलसे को कामयाब बनाने के लिये रूहे कायनात कॉन्फ्रेंस
कमेटी के अध्यक्ष मो0 जाकीर, सचिव मो0 बबलू, कोषाध्यक्ष मो0 सलीम, मुखिया मो0 गफ्फार, सरपंच अब्दूल जब्बार, पंचायत समिति सदस्य मो0
शाहजहाँ, मो0
फिरयाद, मो0
जूबैर अदी की भूमिका सराहनीय रही.
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