पान विक्रेताओं का फूटा आक्रोश: फूंका जीतन राम मांझी का पुतला

|आरिफ आलम|21 नवंबर 2014|
जर्दा, पान मसाला एवं गुटखा आदि पर बिहार सरकार के द्वारा लगाये गए रोक के विरोध में मधेपुरा जिला के चौसा प्रखंड में आज पान विक्रेताओं का आक्रोश फूट कर निकला. चौसा प्रखंड पान विक्रता संघ ने आज पहले तो बाजार बंद कराया फिर रोड जाम किया और इसके बाद उसने मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का पुतला फूंक दिया और प्रखंड में धरना-धरना प्रदर्शन कर अपने विरोध का इजहार किया.
चौसा के  पान विक्रता संघ के सदस्यों ने राज्य सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया और मुख्य बाजार समेत प्रखंड मुख्यालय के कई दुकानों को बंद करा दिया. दर्जनों पान विक्रेताओं ने चौसा विजयघाट मुख्य सडक एवं मुरली चौक से पुर्णिया, भागलपुर के सम्पर्क मार्ग को कई घंटो तक जाम कर बाधित रखा. जाहिर था दोनों मुख्य मार्ग बाधित हो जाने से आवागमन अवरुद्ध हो गया.
 जाम की सूचना मिलने पर चौसा के बीडीओ मिथिलेश बिहारी वर्मा, थाना अध्यक्ष एनडी निराला, बीस सूत्री अध्यक्ष मनोज प्रसाद, उप प्रमुख विनोद सिंह एवं मनोज शर्मा ने दुकानदारो की समस्या के सम्बन्ध में वरीय पदाधिकारी से बात करने का आश्वासन देकर जाम खत्म करवाया. प्रखंड में धरना पर बैठे संघ के प्रखंड अध्यक्ष विमल कुमार जयसवाल, प्रदीप चौरसिया, सुरेश चौरसिया, मनोरंजन चौरसिया, उमाकांत गुप्ता एवं जयप्रकाश यादव ने कहा कि सरकार रोजगार कर रहे लोगो को बेरोजगार बना रही है, जिसे हमलोग कभी बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं. उन्होंने बिहार सरकार को चेताया कि समय रहते अगर सरकार उनलोगो के पक्ष में कोई ठोस निर्णय नहीं लेती है तो आगामी चुनाव में इसका जबाब दिया जाएगा.
पान विक्रेताओं का फूटा आक्रोश: फूंका जीतन राम मांझी का पुतला पान विक्रेताओं का फूटा आक्रोश: फूंका जीतन राम मांझी का पुतला Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on November 21, 2014 Rating: 5

2 comments:

  1. cancer kisi ko bhi ho sakta hai lekin jab aap pan masala ,guthka aur tamabaku khate hain toh aap cancer ko bulawa dete hain...aur ek bar cancer ho jaye toh ilaj mein ghar tak bika jata hai lekin maut phir bhi aati hai, phir bhi log in sab ka sewan karte hain..Manjhi sarkar ka bahut hi acha decision

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  2. cancer kisi ko bhi ho sakta hai lekin jab aap pan masala ,guthka aur tamabaku khate hain toh aap cancer ko bulawa dete hain...aur ek bar cancer ho jaye toh ilaj mein ghar tak bika jata hai lekin maut phir bhi aati hai, phir bhi log in sab ka sewan karte hain..Manjhi sarkar ka bahut hi acha decision

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