महिला चिकित्सिक पर लापरवाही का आरोप: पुलिस ने की जांच शुरू, क्या सीसीटीवी फुटेज बतलाएगी मामले की सच्चाई ?
मधेपुरा प्रखंड के भौन गाँव की पिंकी आज जिंदगी और
मौत के बीच जूझ रही है. मधेपुरा के मिशन अस्पताल में भर्ती पिंकी को अस्पताल में ‘लाइफ सपोर्टिंग सिस्टम’ पर रखा गया है. पिंकी के परिजन
मधेपुरा की एक महिला चिकित्सिका डा० पूनम पर गंभीर आरोप लगते हैं और पिंकी की इस
हालत के लिए डा० पूनम को जिम्मेवार ठहरा रहे हैं.
परिजनों
के मुताबिक़ पिंकी गर्भवती थी और उसे परिजनों ने मधेपुरा जिला मुख्यालय के बाय-पास
रोड स्थित डा० पूनम के निजी क्लिनिक में भर्ती कराया. डा० पूनम ने परिजन से पैसे
इंतजाम करने को कहा और मरीज को क्लिनिक में भर्ती कर लिया. आरोप के मुताबिक परिजन
जब वापस आये तो उन्हें कहा गया कि लड़का हुआ है और उसे ऑक्सीजन चढ़ रहा है, पर महिला
की हालत खराब है इसे बेहतर इलाज के कहीं और ले जाइये. परिजन कहते हैं कि जब पिंकी
देवी को मधेपुरा के मिशन अस्पताल में भर्ती कराकर वे दूसरे दिन वापस डा० पूनम के
क्लिनिक आये तो यहाँ कहा गया कि लड़की हुई थी और मरी हुई थी उसे फेंकवा दिया गया.
उधर
मिशन अस्पताल में वेंटीलेटर पर रखी गई मरीज पिंकी के हालत पर मिशन अस्पताल के
चिकित्सक कहते हैं कि उसकी स्थिति बहुत ही खराब है और एक बात साफ़ है कि इसकी
डिलीवरी सही तरीके से नहीं हुई लगती है.
आरोप पर क्या कहती है डॉक्टर? आरोपों के बावत डा०
पूनम ने मधेपुरा टाइम्स को फोन पर बताया कि वह एक कॉन्फ्रेंस में हैदराबाद आई है.
उक्त मरीज के मामले में उनसे कोई लापरवाही नहीं हुई है. मरीज को बुरी स्थिति में
उनके यहाँ लाया गया था और उनके परिजनों को यह बात पहले से पता थी कि बच्चा मर चुका
है.मरीज देर रात उनके क्लिनिक में भर्ती हुई थी और साथ में सिर्फ एक बूढ़ी औरत थी,
कोई मर्द नहीं था. उस नाजुक परिस्थिति में उन्होंने महिला को बचाने की कोशिश की
थी, पर हालत बहुत ज्यादा बिगड़ जाने पर उन्होंने पेशेंट को रेफर कर दिया. दूसरे दिन
भी उस मरी हुई बच्ची को ले जाने कोई नहीं आया. उन्हें पता चला कि उनके शहर से बाहर
आने के बाद इस मामले को बेवजह तूल दिया गया है. पेशेंट के भर्ती से लेकर बाद तक की
कहानी उनके यहाँ लगे सीसीटीवी में मौजूद है जो मामले की सच्चाई बताने के लिए काफी
है.

उधर
मामले को रोगी के परिजन पुलिस में भी ले गए. इस मामले पर मधेपुरा के एसपी आनंद
कुमार सिंह ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया है और उन्होंने इन्स्पेक्टर सह
सदर थानाध्यक्ष को मामले की जांच तथा केश दर्ज कर अनुसंधान करने का भार दिया है. जांच के बाद यदि आरोप साबित होता है तोडॉक्टर के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जायेगी. अनुसंधान हर पहलू को ध्यान में रखकर किया जाएगा.
महिला चिकित्सिक पर लापरवाही का आरोप: पुलिस ने की जांच शुरू, क्या सीसीटीवी फुटेज बतलाएगी मामले की सच्चाई ?
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 21, 2014
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