|राजीव सिंह|21 नवंबर 2014|
शराब पीना बुरी बात है, पर गैरकानूनी नहीं, वर्ना
नीतीश बाबू और जीतन बाबू यूं हर पंचायत में शराब की दुकानें नहीं खुलवा देते.
हालाँकि जीतन बाबू तो आगे बढ़कर कहते हैं कि 'अगर कोई पाव भर शराब पीकर सो जाए तो मैं उसे बुरा नहीं
मानता.'
यानी थोड़ी-थोड़ी पिया करो.
पर शराब
पीकर सार्वजनिक स्थान पर हंगामा या नौटंकी कानूनन अपराध माना जाता है. पर मधेपुरा
में इस अपराध के दायरे में सिर्फ आम लोग आते हैं खास नहीं, वर्ना मधेपुरा सदर
अस्पताल के उपाधीक्षक की शराब पीकर नौटंकी पर कबका सिविल सर्जन साहब एक्शन ले लिए
होते.
सदर
अस्पताल मधेपुरा के वरीय चिकित्सक और उपाधीक्षक डा० आर० पी० कर्ण को लोग अब मजाक
में ‘और पी कर्ण’ कहने लगे हैं. महाशय ड्यूटी पर
भी शराब के नशे में झूमने लगते हैं और इनके आसपास अक्सर लोगों की भीड़ इनका
मतवालापन देखने खड़ी हो जाती है. ऐसा नहीं है कि जिला प्रशासन को इस बात की खबर
नहीं है. सिविल सर्जन को इनके हरकतों की सूचना दी गई है, पर इन्हें रोकने वाला कोई
नहीं. तब ही तो बीती रात जिले के उच्चाधिकारी के सामने भी इन्होने नौटंकी शुरू कर
दी.
अस्पताल
प्रशासन इनके मामले पर खामोश है और आम लोगों में इसका गलत सन्देश जा रहा है.
आप खुद
देखें महाशय को इस वीडियो में, यहाँ क्लिक करें.
शर्मनाक! ड्यूटी पर नशे में धुत्त रहते हैं सदर अस्पताल मधेपुरा के उपाधीक्षक
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 21, 2014
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