मधेपुरा के कॉमर्स कॉलेज के पास से शुरू हुए हादसे
ने भले ही पूरे शहर को अस्तव्यस्त कर दिया हो, और भीड़ ने सीधा ड्राइवर की मौत का
जिम्मेवार कार चालक को ठहरा दिया हो और बाद में पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाकर शहर
में जाम और प्रदर्शन किया हो, पर मधेपुरा टाइम्स को जो वीडियो मिला है उसे देखने
से ऐसा ही लगता है कि भीड़ चाहती तो ट्रैक्टर ड्राइवर को बचा सकती थी.
पर शायद
भीड़ का मतलब ही बेदिमाग लोगों की फ़ौज होती है. मधेपुरा टाइम्स के पास मौजूद वीडियो
और घटनास्थल के पास हादसे के वक्त मौजूद लोगों से मिली जानकारी के अनुसार कार में
चालक, उसकी पत्नी और बच्चा था. ट्रैक्टर से ठोकर लगने के बाद कार मामूली ढंग से
क्षतिग्रस्त हो गई तो कार चालक ने उतरकर ड्राइवर के साथ हाथापाई की. यहाँ यह बात
ध्यान देने लायक है कि कार चालक कार में अकेला मर्द था जिसने अकेले ड्राइवर के साथ
मारपीट की. कहते हैं कि ड्राइवर जब गिर गया तो कार चालक सन्न रह गया. इसी बीच वहाँ
मौजूद लोगों ने उसे घेर लिया और गिरे पड़े ड्राइवर को बचाने की बजाय कार चालक को
दौड़ा-दौड़ा कर पीटने लगा.

इधर कार
चालक की पत्नी बार-बार कहती रही कि ड्राइवर को अस्पताल ले चलिए, पर ड्राइवर के
मुंह पर पानी का छींटा मार रहा युवक भी ड्राइवर को बचाना कम और कार में आग लगाने
के लिए माचिस मांगता दिख रहा था. हालांकि पुलिस के आने के बाद उसी वैगन-आर कार से
बेहोश ड्राइवर को अस्पताल ले जाया गया, पर तब तक देर हो चुकी थी. सदर अस्पताल
मधेपुरा में भी डॉक्टरों ने दबी जुबान से स्वीकारा कि ट्रैक्टर ड्राइवर को बहुत
अधिक चोट नहीं थी. संभव है कि बीमार और कमजोर होने और पैर में बड़ा घाव होने की वजह
से भय के कारण उसकी मौत हो गई.
पर अब
कई प्रत्यक्षदर्शी इस बात को स्वीकारते हैं कि यदि वहाँ मौजूद लोगों ने कार चालक
को सबक सिखाने की बजाय ट्रैक्टर ड्राइवर को तुरंत बचाने का प्रयास किया होता तो कल
की स्टोरी कुछ और हो सकती थी.
आप खुद
देखें इस वीडियो में कल क्या हुआ था, यहाँ
क्लिक करें.
(ब्यूरो रिपोर्ट)
घटना के समय लिया वीडियो: क्या भीड़ की नादानी ने ले ली ड्राइवर की जान ?
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 01, 2014
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