चौसा हत्याकांड: मृतक लेना चाहता था अपने पिता की मौत का बदला, पर दुश्मनों ने पहले ही उसे मौत के घाट उतार दिया: हत्या दियारा के कुख्यातों के बीच वर्चस्व का नतीजा
नवगछिया के अपराधी पुत्र की चौसा के लौआलगान में हत्या
के मामले में मृतक के छोटे भाई पप्पू कुमार ने चौसा थाना में कोशी दियारा के कुख्यात
अपराधी खोखा सिंह एवं
कपिलदेव सिंह समेत 10 कुख्यातों को नामजद किया है.
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थाना में दिये गये आवेदन में पप्पू
ने कहा है कि मृतक मेरा भाई विकाश सिंह है जो सोमवार को अपने बाईक से पुरैनी थाना क्षेत्र
के योगीराज अपने बहन के यहाँ गया था और योगीराज से अपने घर ढोलबज्जा थाना क्षेत्र के
पछगछिया टोला कदवा लौट रहा था. इसी बीच दियारा के कुख्यात अपराधी खोखा सिंह एवं कपिलदेव
सिंह ने हीरालाल सिंह, इंदल सिंह, पुरुषोत्तम सिंह, अनवेश सिंह, विरो सिंह, जितेन्द्र सिंह, बबलू सिंह एवं रंजित सिंह
को चौसा, लौआलगान
एवं भटगामा जीरो माईल पर तैनात कर दिया. मृतक के भाई ने कहा है कि जब मेरा भाई योगीराज
से चौसा आया तो खोखा सिंह गिरोह का लाल रंग का बिना नम्बर के अपाचे बाईक पर सवार तीन
कुख्यात अपराधी पकड़ा बासा कदवा के अनवेश सिंह, बोरवा टोला कदवा के बिरेन्द्र सिंह
एंव बाइक चालक आलमनगर थाना क्षेत्र के
गनोल निवासी सियाराम सिंह ने पीछा करना शुरू
कर दिया तथा शेष बचे अपराधी विजय घाट पथ के तरफ तैनात थे. पप्पू के अनुसार मृतक विकाश
सिंह को उक्त बाइक पर सवार तीनो अपराधियों ने सहोरा टोला के बिषहरी स्थान से ही गोली
चलाना शुरू किया था और लौआलगान के मुख्य बाजार में नवयुवक संघ पुस्तकालय के समीप अनवेश
सिंह एवं बिरेन्द्र सिंह ने गोली मार कर हत्या कर दी और चालक सियाराम सिंह बाइक लेकर
भागने में सफल रहा.
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उदाकिशुनगंज डीएसपी रहमत अली ने बताया
की घटना स्थल से एक देशी कट्टा बरामद किया गया है और पकरे गये दोनो अपराधियों के
खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत कार्यवाही करने की प्रक्रिया की जा रही है.
उधर मृतक के भाई ने बताया कि उसके
पिता कि भी हत्या खोखा गिरोह ने ही किया है. आज से करीब 15 वर्ष पूर्व गाँव में ही
खोखा सिंह के गैंग ने की थी. मधेपुरा
टाइम्स को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार करीब 20 वर्ष पहले कोशी दियारा का आतंक
कदवा पछगछिया के ही सतना सिंह एंव खोखा सिंह हुआ करते थे और इन दोनों के बीच अक्सर
वर्चस्व की लडाई कोसी दियारा में चलती रहती थी. सन् 1999 में सतना सिंह अपने गाँव पछगछिया
कदवा से ही प्रताप नगर कदवा जा रहा था. इसी बीच रास्ते में पचगछिया के जागिर बहियार
में पहले से घात लगाये मकई खेत में खोखा सिंह गिरोह ने सतना सिंह को गोलियो से भून
दिया. इस मामले में सतना के पिता स्व0 भोला सिहं एवं बडें भाई छंगूरी सिंह ने कदवा
ओपी में खोखा सिंह एवं इसके भाई कपिलदेव सिंह समेत दर्जनों अपराधियों को नामजद किया
था, और तभी से सतना का बड़ा पुत्र विकाश चाहता था कि अपने पिता कि हत्या का बदला ले
और खोखा चाहता था कि अपने दुश्मन के बेटे को रास्ते से हटा दे. और सोमवार की हत्या
उसी पुरानी रंजिश का नतीजा है.
चौसा हत्याकांड: मृतक लेना चाहता था अपने पिता की मौत का बदला, पर दुश्मनों ने पहले ही उसे मौत के घाट उतार दिया: हत्या दियारा के कुख्यातों के बीच वर्चस्व का नतीजा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 14, 2014
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