मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र में डॉक्टरों के खिलाफ चलाये गए अभियान के बाद
आरोप-प्रत्यारोप का एक नया दौर शुरू हो गया है. मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र के
सोनबर्षा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक और भाजपा नेता किशोर कुमार मुन्ना ने
मधेपुरा टाइम्स को भेजे ई-मेल में सांसद पप्पू यादव व उनके समर्थकों के द्वारा
लगाये गए कई आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि सांसद एवं उनके लोगों के द्वारा कहा जा रहा है कि
किशोर कुमार मुन्ना को फरवरी 2005 में विधायक बनाने में सांसद रंजीता रंजन ने अहम अहम भूमिका निभाई. सच
है कि सांसद रंजीता रंजन मेरे क्षेत्र में 3 धंटा के लिए आयी थी और कुछ गांव में प्रचार भी किया, मैं उनका आभारी हूँ.
पूर्व विधायक ने कहा कि लेकिन पप्पू जी दंपत्ति का मकसद मेरी जीत का नहीं बल्कि कोशी के इलाके से राजद, लालू जी को समूल नष्ट कर देना था. क्योंकि लालू जी ने पप्पू जी के मनमाफिक उम्मीदवार नहीं दिया. हमारी जीत सिर्फ वर्षो के संघर्ष और गरीबों की सेवा के कारण
हुआ. 2005 के नवंम्बर में लालू जी ने कोशी में
राजद के सभी उम्मीदवार पप्पू जी के अनुसार दिया और वह सभी हार गये. इनके कारण लालू जी और कमजोर हो गये. मेरे खिलाफ इनके दर्जनों सभा हुए लेकिन हमारी जीत को नहीं रोक पाये.
वैसे लालू जी के खिलाफ इनका अभियान वर्षों पुराना
है. श्री
मुन्ना ने सांसद पर आरोप लगाते हुए कहा कि कृतज्ञता का उदाहरण इससे बड़ा नहीं हो सकता है कि लालू जी के टिकट एवं जनसमर्थन से
जीते हुए कुछ ही दिन हुए, लेकिन ये कहते है की मैं अपने बल पे जीता हूँ. पूर्व विधायक ने कहा कि मैनें हमेशा जुल्म और ज्यादतियों को जाति के परधि में नहीं बांट कर उसके खिलाफ संघर्ष किया. जात
के नाम पर राजनीति करने वाले हमें नसीहत ना दे.
पूर्व विधायक किशोर
कुमार मुन्ना का कहना है कि दूसरी ओर सांसद ने कहा कि डा० के सी झा के जमीन के कारण गुरू चेला ने मिलकर बम
चलवाया और इन लोगों के वजह से कुछ डॉक्टर पलायन कर गये. श्री मुन्ना ने कहा की सभी आरोप बेबुनियाद और झूठे हैं. बम चला तो थाने में एफआईआर, या न्यायालय में मामला होगा और के सी झा पलायन भी नहीं कियें है, उनसे पूछा जा सकता है.
पूर्व विधायक ने आरोप लगाते हुए कहा कि सांसद को मालूम होना चाहिए कि डा० डी सी अमल, डा० मिथलेश झा, डा० सराबगी सहित अन्य जो लोग आज बाहर गये या यहां है उनसे हमारा रिश्ता आज भी पारिवारिक है. वैसे भी सहरसा की संस्कृति बहुरंगी है, इसी कारण राज्य में कानून व्यवस्था ध्वस्त होने के बाद भी कोई पलायन नहीं किया. लेकिन पप्पू जी के रंगदारी के खिलाफ आवाज उठाने वाले रंगुबाबू सहित दर्जनों लोग आज इस दुनिया में नहीं है, बहुत सारे व्यापारिक, अन्य लोंग पुर्णियाँ, गुलाबबाग, बनमनखी, कटिहार, मुरलीगंज, मधेपुरा, अररिया, किशनगंज छोड़कर बाहर पलायन कर गये. 2005 के बाद कुछ वापस भी आये, लेकिन इनके रवैये के कारण वे फिर सोचने को मजबूर हैं.
पूर्व विधायक ने आरोप लगाते हुए कहा कि सांसद को मालूम होना चाहिए कि डा० डी सी अमल, डा० मिथलेश झा, डा० सराबगी सहित अन्य जो लोग आज बाहर गये या यहां है उनसे हमारा रिश्ता आज भी पारिवारिक है. वैसे भी सहरसा की संस्कृति बहुरंगी है, इसी कारण राज्य में कानून व्यवस्था ध्वस्त होने के बाद भी कोई पलायन नहीं किया. लेकिन पप्पू जी के रंगदारी के खिलाफ आवाज उठाने वाले रंगुबाबू सहित दर्जनों लोग आज इस दुनिया में नहीं है, बहुत सारे व्यापारिक, अन्य लोंग पुर्णियाँ, गुलाबबाग, बनमनखी, कटिहार, मुरलीगंज, मधेपुरा, अररिया, किशनगंज छोड़कर बाहर पलायन कर गये. 2005 के बाद कुछ वापस भी आये, लेकिन इनके रवैये के कारण वे फिर सोचने को मजबूर हैं.
वैसे कोसी की राजनीति भले ही गरमा
रही हो, पर आज पटना में दो बजे दिन में मधेपुरा के सांसद पप्पू यादव और आईएमए पटना
के बीच एक अहम बैठक होने जा रही है और देखना दिलचस्प होगा कि इस बैठक के क्या
नतीजे निकलते हैं और फिर राजनीति कौन का रूख करती है.
(नि० सं०)
‘जात के नाम पर राजनीति करने वाले हमें नसीहत ना दे’: किशोर कुमार मुन्ना
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 26, 2014
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