संदेहास्पद क्रियाकलाप, ठगी और अनुसूचित जाति को गाली देने के आरोपी डॉक्टर पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं !
|मुरारी कुमार सिंह|13 सितम्बर 2014|
मधेपुरा जिले के गम्हरिया पीएचसी में पूर्व में
पदस्थापित डा० आनंद कुमार मिलन के खिलाफ जाँच शुरू होने के बाद भी डॉक्टर आनंद, आनंद
में हैं. गंभीर आपराधिक आरोप लगने के बाद भी डॉक्टर साहब के खिलाफ अबतक मामला नहीं
दर्ज हुआ है.
मधेपुरा
के जिलाधिकारी की जनता दरबार में गत 4 सितम्बर को डा० ए० के० मिलन के खिलाफ
मधेपुरा थाना के भान टेकठी के हरेराम पासवान ने एक आवेदन देकर उक्त डॉक्टर पर आरोप
लगाया था कि पेशाब सम्बंधित दिक्कत होने पर जब हरेराम ने डा० मिलन से इलाज कराना
शुरू किया तो डॉक्टर ने प्रोटेस्ट की शिकायत बताकर ऑपरेशन करने की सलाह दी. उसके
बाद रोगी से 30 हजार रूपये जमा कराये गए और गत 29 जून को उन्होंने मधेपुरा स्थित
क्लिनिक पर हरेराम का ऑपरेशन कर दिया और फिर एक महीने तक अस्पताल में रखकर 20 हजार
रूपये और लेकर घर भेज दिया. हैरत की बात ये रही कि रोगी को अस्पताल से छुट्टी देने
के समय तक हरेराम के पेट से ही एक पाईप लगा था जिसके द्वारा ही उसे पेशाब होता था.
रोगी को डॉक्टर ने पाईप खुलवाने बाद में आने को कहा. पर आरोप के मुताबिक जब हरेराम
बाद में डॉक्टर के पास गया तो उसे जातिसूचक गाली देकर भगा दिया गया और कहा कि
पटना, दिल्ली चले जाओ. डॉक्टर के द्वारा 50 हजार रूपये ठग कर रोगी की जिंदगी
बर्बाद करने से सम्बंधित जनता दरबार के आवेदन पर जिलाधिकारी ने भले ही साफ़ यह
लिखकर कि डा० ए० के० मिलन का क्रियाकलाप संदेहास्पद है, जांच की जाय.
समाहरणालय
के वरीय पदाधिकारी संजय वर्मा को भले ही जांच का आदेश मिला हो और श्री वर्मा ने अनुसूचित
जाति से सम्बन्ध रखने वाले पीड़ित को मुकदमा दर्ज कराने अनुसूचित जाति/जनजाति थाना
भेज दिया हो, पर नौ दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया.
अनुसूचित जाति/जनजाति थाना के थानाध्यक्ष बताते हैं कि उन्हें ऊपर से निर्देश मिला
है कि डॉक्टर का भी रिपोर्ट मिल जाए तब ही मामला दर्ज कीजिए.
देखा
जाय तो डॉक्टर के संदेहास्पद क्रियाकलाप के साथ यहाँ पुलिस के क्रियाकलाप भी
संदेहास्पद हैं. मामला एक अनुसूचित जाति के साथ गाली-गलौज का है और यदि इसमें
डॉक्टर के रिपोर्ट की मांग की जाती है तो ऐसा प्रतीत होता है कि डॉक्टर को बचने का
मौका दिया जा रहा है क्योंकि खुद को बचाने के लिए कोई भी आरोपी अपना गुनाह नहीं
कबूलता है. अब देखना है कि क्या कई बार विभिन्न तरह के आरोप झेलने वाले डा० आनंद
के खिलाफ कोई कार्यवाही हो पाती है या नहीं?
संदेहास्पद क्रियाकलाप, ठगी और अनुसूचित जाति को गाली देने के आरोपी डॉक्टर पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं !
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 13, 2014
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