शाइस्ता परवीन: मिलिए महज 17 साल की उम्र में बनी मधेपुरा टुडे की उप संपादिका से

कहते हैं यदि परिस्थितियां अनुकूल हो जाएँ तो छिपी योग्यता उभर कर सामने आ ही जाती है. कुछ ऐसा ही हुआ मधेपुरा के एक अत्यंत साधारण परिवार की लड़की शाइस्ता परवीन के साथ. महज 17 साल की उम्र में शाइस्ता परवीन मधेपुरा टाइम्स ग्रुप की ऑनलाइन पत्रिका मधेपुरा टुडे (www.madhepuratoday.com) की उप संपादिका बन गई है.
      मधेपुरा में बेहतर इंटरनेट तकनीक और वेबसाईट चलाने का ज्ञान बहुत ही कम लोगों में होने की वजह से हाल तक पूरे देश के अत्यंत लोकप्रिय ऑनलाइन पत्रिकाओं में से एक मधेपुरा टुडे पर देश-विदेश के रचनाकारों की रचनाओं के प्रकाशन में रूकावट पैदा हो गई थी. पर साहित्य से जुड़े भारत के कई रचनाकारों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए मधेपुरा टाइम्स ग्रुप ने अपने तरह की एकलौती पत्रिका मधेपुरा टुडे को पुनर्जीवित करने का फैसला किया तो इस काम को मुकाम तक पहुंचाने के लिए एक स्थानीय संपादक की आवश्यकता पड़ी. और कड़ी मशक्कत के बाद हमने इस काम के लिए जिसे खोज निकाला वो हैं मधेपुरा की शाइस्ता परवीन.
      यहाँ हम पाठकों को जानकारी देना चाहेंगे कि यह पत्रिका देश के तीन दिग्गज महिला संपादकों के देखरेख में चलती आ रही है जिनमें साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता डा० शेफालिका वर्मा, प्रसिद्ध कवि सुमित्रानंदन पन्त की नतिनी और प्रसिद्द कवियित्री रश्मि प्रभा और दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफ़ेसर और प्रसिद्ध कवियित्री डा० सुधा उपाध्याय शामिल हैं. मधेपुरा की बायोटेक प्रथम वर्ष की छात्रा और समिधा ग्रुप से कम्प्यूटर और इंटरनेट की शिक्षा प्राप्त शाइस्ता परवीन का इस टीम में जुड़ना पहले ही सप्ताह में मधेपुरा टुडे को एक खास मजबूती दे गया. अचानक से बढ़े विजिट से निश्चय ही शाइस्ता परवीन की मिहनत का पता चलता है.

नई संपादिका पर एक नजर: जिला मुख्यालय के मस्जिद चौक के पास की रहने वाली शाइस्ता परवीन की प्राथमिक शिक्षा उर्दू मध्य विद्यालय मधेपुरा से हुई और वर्ष 2011 में इन्होने मधेपुरा के शिवनंदन प्रसाद मंडल हाई स्कूल से करीब 70% अंकों से मैट्रिक पास करने के बाद स्थानीय पार्वती सायंस कॉलेज से वर्ष 2013 में इंटर की परीक्षा भी करीब 70% अंकों से उत्तीर्ण की. एक साधारण किराना की दूकान चलाने वाले पिता अशफाक आलम की सुपुत्री शाइस्ता परवीन वर्तमान में मधेपुरा के टी. पी. कॉलेज में बायोटेक प्रथम वर्ष की छात्रा है. शाइस्ता बताती है कि बदलते संसार को सही ढंग से जानने के लिए कम्प्यूटर शिक्षा की अनिवार्यता महसूस की और समिधा ग्रुप के संदीप सर से कम्प्यूटर के एबीसीडी से वेबसाईट तक के बारे में बहुत कुछ सीखा और आज मधेपुरा टुडे की उप संपादिका बनने का सौभाग्य मिला तो अपने को बहुत अधिक सौभाग्यशाली मानती हूँ. इतनी बड़ी हस्तियों के देखरेख में चलने वाले इस पत्रिका से जुड़ने के बाद मैं कोशिश करूंगी कि मेरे उप संपादन में कोसी की एक मात्र सशक्त ऑनलाइन मैगजीन मधेपुरा टुडे एक नई ऊँचाई हासिल करे.
      प्रेरणादायक किताबें पढ़ने की शौकीन शाइस्ता परवीन कहती है कि उसके जीवन का सपना मधेपुरा के वर्तमान जिलाधिकारी गोपाल मीणा की तरह अधिकारी बनना है जिससे वे दूसरे के तकलीफ को कम कर सके.
      मधेपुरा टाइम्स परिवार की ओर से नई उप संपादिका शाइस्ता परवीन को हार्दिक शुभकामनाएं.  
(मधेपुरा टाइम्स ब्यूरो)
शाइस्ता परवीन: मिलिए महज 17 साल की उम्र में बनी मधेपुरा टुडे की उप संपादिका से शाइस्ता परवीन: मिलिए महज 17 साल की उम्र में बनी मधेपुरा टुडे की उप संपादिका से Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on August 09, 2014 Rating: 5

2 comments:

  1. wah bahut accha... meri subhkamna humesa tere saath....

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  2. wah bahut accha... meri subhkamna humesa tere saath....

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