‘आओ कुछ ऐसा करें कि
मौत के बाद भी लोग रखें
याद हमें और चलती रहे
मौत के बाद भी जिंदगी.’
बिहार
की उड़न परी और देश स्तर पर गीतांजली एक्सप्रेस के नाम से खासी लोकप्रियता पा चुकी
गीतांजली आज मौत के एक साल के बाद भी जिन्दा है. राष्ट्रीय स्तर की धाविका तथा
सीआइडी में अधिकारी के रूप में कार्यरत गीतांजली की मृत्यु 06 अगस्त 2013 को पटना
में प्रसव के दौरान ह्रदय गति रुक जाने के कारण भले ही हो गई हो, उसकी याद आज भी
लोगों के जेहन में उसी तरह बसी हुई है जब उसने मधेपुरा में रहते राष्ट्रीय स्तर की
धाविका बनकर मधेपुरा का नाम बिहार और भारत में रौशन किया था.
में प्रसव के दौरान ह्रदय गति रुक जाने के कारण भले ही हो गई हो, उसकी याद आज भी
लोगों के जेहन में उसी तरह बसी हुई है जब उसने मधेपुरा में रहते राष्ट्रीय स्तर की
धाविका बनकर मधेपुरा का नाम बिहार और भारत में रौशन किया था.
गीतांजली
के प्रथम पुण्यतिथि पर आज गीतांजलि फाउन्डेशन के तत्वाधान में मधेपुरा कॉलेज चौक
से से न्यू बाईपास होते हुए शहर के मुख्य मार्ग होते हुए सात किलोमीटर का गीतांजली
स्मृति रोड रेस 2014 फिर वापस आकर कॉलेज चौक पर समाप्त हुआ. रोड रेस को मधेपुरा के
पुलिस अधीक्षक आनंद कुमार सिंह तथा जिला परिषद् अध्यक्षा ने संयुक्त रूप से हरी
झंडी दिखाकर रवाना किया.
इस रोड
रेस में कोसी एवं पूर्णियां के के लगभग 150 धावकों ने हिस्सा लेकर सात किलोमीटर की
दौड़ को सफलता पूर्वक पूरा किया. इनमें से 1 से 37 धावकों को पुरस्कृत भी किया गया.
मौके पर एसपी आनंद कुमार सिंह ने कहा कि गीतांजली 1990 के दशक की एक प्रसिद्ध
धाविका थी जिसे देश स्तर की प्रतियोगिता में दर्जनों पदक मिला और बिहार का नाम
पूरे देश में ऊपर गया. ये गर्व की बात है कि बिहार सरकार ने खेल में गीतांजली की
उपलब्धियों को महत्वपूर्ण मानते हुए उसकी सीधी बहाली पुलिस में की. एसपी ने कहा कि
मैंने उसके साथ कई जगहों पर काम किया है, वह काफी अनुशासित और कर्त्तव्य के प्रति
सजग थी.
वहीँ
मुख्य अतिथि के तौर पर जिला परिषद् अध्यक्ष मंजू देवी ने बताया कि वह करीब बीस
वर्षों से गीतांजलि के करीब थी. उसकी अकाल मृत्यु से मधेपुरा को काफी क्सहती
पहुंची है. मुरलीगंज की नगर पंचायत अध्यक्षा सर्जना सिद्धि ने कहा कि हमारी कोशिस
रहेगी कि गीतांजली की हर पुण्यतिथि पर खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया जाय.
गीतांजली की याद में हुए रोड रेस में स्थानीय होली क्रॉस की निदेशिका बंदना घोष ने जहाँ
आयोजन में अग्रणी भूमिका निभाते हुए फाउन्डेशन को पांच हजार रूपये की आर्थिक सहायता
दी वहीँ पिआजियो शोरूम ऑटो जोन की ओर से खिलाडियों के बीच कैप वितरण किया गया. इस मौके पर शहर के कई गणमान्य लोग भी उपस्थित थे.
उड़न परी गीतांजली की प्रथम पुण्यतिथि पर दौड़ का आयोजन
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 06, 2014
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