|कुमार शंकर सुमन|22 जुलाई 2014|
मधेपुरा नगर परिषद् की राजनीति भी हद दर्जे की घटिया
चीज है. यहाँ चेयरमैन बनने के लिए ‘हॉर्सट्रेडिंग’ यानी खरीद-फरोख्त का पुराना इतिहास रहा है. कल जबकि
मधेपुरा नगर परिषद् के लिए सभी 26 वार्ड पार्षद मत विभाजन करने वाले हैं, वहीँ अभी
आकंड़ों के जोड़-तोड़ की राजनीति चरम पर है.
निवर्तमान
चेयरमैन विजय कुमार बिमल ने भले ही अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया हो और मैदान में
विशाल कुमार बबलू के विरोध में विनीता भारती खड़ी हों, पर अभी भी दोनों पक्षों के
समर्थन में खड़े दिख रहे कई वार्ड पार्षद उहापोह की स्थिति में हैं और यदि उन्हें
भारी-भरकम रकम मिल जाए तो किसी भी तरफ जा सकते हैं.
मधेपुरा
टाइम्स को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चार वार्ड पार्षदों का एक समूह तो अब
भी, जिस पाले में हैं उसे बदलने को तैयार हैं यदि उन्हें ‘पूरी तरह’ खुश कर दिया जाय. पर खबर है कि
इस बार कोई भी पक्ष बहुत बड़ी रकम लगाने को तैयार नहीं है, क्योंकि सभी जानते हैं
कि विगत ट्रेंड को देखते हुए यहाँ वार्ड पार्षद दो सालों में अविश्वास प्रस्ताव लगा
ही देते हैं और यदि सूत्रों पर विश्वास किया जाय तो ये ऐसा इसलिए करते हैं ताकि
मुख्य पार्षद की दौड़ में शामिल उम्मीदवार के हाथों इन्हें फिर से बिकने का सुअवसर
प्राप्त हो जाय, क्योंकि इसी हॉर्सट्रेडिंग के पैसे पर वे अपना और अपने घर का विकास
करते हैं और नगर परिषद् नरक परिषद् बना रह जाता है.
चेयरमैन के लिए हॉर्सट्रेडिंग: भारी-भरकम रकम पर कुछ वार्ड पार्षद खेमा बदलने के लिए तैयार: सूत्र
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 22, 2014
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