|बी. सिंह|26 जुलाई 2014|
नौकरी पाने के लिए जालसाजी का इतिहास दुनियां में
काफी पुराना रहा है. जाली प्रमाणपत्र और फर्जी टीईटी प्रमाणपत्र के आधार पर
नियोजित पांच पंचायत शिक्षक और तत्कालीन पंचायत सचिव तथा नियोजन इकाई के सचिव के
खिलाफ मधेपुरा में एफआईआर दर्ज हुआ है. मामले का खुलासा तब हुआ जब मधेपुरा जिले के
आलमनगर बीडीओ अब्दुल खालिक ने आलमनगर प्रखंड के कुंजौरी ग्राम पंचायत नियोजन इकाई के
द्वारा भेजे गए शिक्षकों के मानदेय भुगतान के दौरान एडवाइस तैयारी के क्रम में
उन्हें शिक्षकों के फर्जी होने का अहसास हुआ. और फिर जब उन्होंने बिहार बोर्ड के
वेबसाईट पर मौजूद शिक्षक पात्रता परीक्षा के परिणाम का अवलोकन किया तो सारा मामला
खुल गया.
आलमनगर
बीडीओ ने मधेपुरा टाइम्स को बताया कि पवन कुमार, मंजौरा उदाकिशुनगंज निवासी, जो
प्राथमिक विद्यालय जगदीशपुर में नियोजित हैं, इंदु कुमारी, बजराहा, आलमनगर निवासी,
जो प्राथमिक विद्यालय बजराहा मुसहरी में नियोजित हैं, हिना कौसर बजराहा निवासी
प्राथमिक विद्यालय सुलेमान टोला में नियोजित हैं, राम कुमार, भान टेकठी घैलाढ़
निवासी जो प्राथमिक विद्यालय जगदीशपुर में नियोजित हैं तथा वंदना कुमारी कबैला
परवत्ता खगड़िया निवासी का प्रमाणपत्र जाली पाया गया है.
उपर्युक्त
शिक्षकों के अलावे बीडीओ के आदेश पर इनके नियोजन इकाई सचिव सह पंचायत सेवक युगल
किशोर रजक के द्वारा कुंजौरी पंचायत के पंचायत सचिव प्रदीप विश्वास जो वर्तमान में
मधेपुरा प्रखंड में पंचायत सेवक हैं, के भी विरूद्ध मामला दर्ज कराया गया है.
5 शिक्षकों और पंचायत सचिव पर एफआईआर दर्ज: मामला फर्जी प्रमाणपत्र पर नौकरी का
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 26, 2014
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