बदायूं जैसी घटना हुई थी मधेपुरा में, खूंटे से बांधकर भाई के सामने किया था बलात्कार और फिर कर दी लड़की की हत्या: मामले पर न्यायालय सख्त
इस घटना का सच सामने आते-आते काफी वक्त लग गए थे.
बलात्कार और हत्या की ऐसी निर्मम घटना शायद ही मधेपुरा में कभी घटी हो, पर दबंगों
का ऐसा जोर कि पीड़िता की एक न चली. और पुलिस का क्या, चंद पैसों पर बिकने वाली
पुलिस और दुष्कर्मियों के सामने एक मासूम लड़की की चीख दब कर रह गई. पर घटना के
करीब दो साल के बाद जब न्यायालय की नजर इस केश पर पड़ी तो न्यायालय ने इसे अत्यंत
ही संगीन मामला मानते हुए जल्द फैसला लेने का निर्णय किया है.
ये
खौफनाक घटना मधेपुरा जिले के मुरलीगंज थानाक्षेत्र के तमोट परसा गाँव में 23 जून
2012 को घटी थी. करीब 3 बजे दिन में महज 13 साल की गुड़िया (बदला नाम) के घर गाँव
का ही छोटू यादव यह जानकर घुस गया था कि घर में अभी सिर्फ गुड़िया और उसका छोटा भाई
ही है. माँ पूर्णियां जिले के चम्पानगर किसी सम्बन्धी के घर एक समारोह में भाग
लेने गई थी और पिता पंजाब मजदूरी करने. छोटू यादव ने गुड़िया और उसके दस वर्षीय भाई
को डराते हुए पहले तो भाई के मुंह में कपड़ा ठूंसकर उसे खूटे से बाँध दिया और उसके
सामने ही जमीन पर पटक कर गुड़िया की इज्जत लूट ली.
गुड़िया
ने दमभर विरोध किया, पर उसकी एक न चली. पर गुस्से में छोटू ने गुड़िया को जबरन जहर
खिला दिया. शाम में गुड़िया कि माँ जब वापस आई तो छोटा बेटा खूंटे से बंधा और
गुड़िया जमीन पर दम तोड़ने की स्थिति में थी. गाँव के चिकित्सक को बुलाया गया, पर
तबतक मासूम इस दुनियां को छोड़कर जा चुकी थी.
मृतका
की माँ ने पुलिस में जाना चाहा तो गाँव के दबंगों ने उसे पुलिस में जाने नहीं
दिया. क़ानून के साथ खिलवाड़ करते हुए भरोसा दिया कि पंचायत कर छोटू को सजा
दिलवाएंगे और तुम्हें पचास हजार रूपये. यानि समाज के इन ठेकेदारों ने एक मासूम के
साथ बलात्कार कर उसकी हत्या की कीमत लगाई पचास हजार रूपये. पर छोटू का बाप पैसे
देने को तैयार नहीं हुआ. इस बीच इस नृशंस कृत्य का समर्थन करने वाले ग्रामीणों ने
गुड़िया की लाश भी मौत कि अगली सुबह जबरन जला दिया. खबर पाकर गुड़िया का बाप सोनेलाल
मंडल (बदला नाम) भी पंजाब से मजदूरी छोड़कर तमोट परसा आ पहुंचा.
मामला
पुलिस में कई दिनों के बाद दर्ज हुआ तो फिर दबंग और पुलिस का गठजोड़ एक बार फिर
मधेपुरा में जिन्दा दिखा. कमजोर डायरी लिखने का प्रयास हुआ, पर इतने बड़े मामले की
धज्जी एक झटके में उड़ाना पुलिस के लिए आसान नहीं हुआ. छोटू यादव को गिरफ्तार करना
ही पड़ा और वह अबतक सलाखों के पीछे है.
मधेपुरा
के एक न्यायालयके सामने इसी 29 मई को जब वाद में आरोप गठन के दौरान मामले की
गंभीरता को देखा तो फिर इस मुक़दमे में प्रतिदिन गवाही लेकर इसे जल्द मुकाम तक
पहुँचाने का निर्णय लिया.
अब
देखना है कि यदि दबंगों का भय से पीड़िता के परिवार पर हावी नहीं हुआ तो इस जघन्य
कांड में छोटू यादव के गले में फांसी का फंदा कब तक लग पाता है ?
बदायूं जैसी घटना हुई थी मधेपुरा में, खूंटे से बांधकर भाई के सामने किया था बलात्कार और फिर कर दी लड़की की हत्या: मामले पर न्यायालय सख्त
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 01, 2014
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