|डिक्शन राज|26 मई 2014|
जिले में स्वास्थ्य सेवाओं में अभी भी बहुत सी
कमियां बाकी है. सदर अस्पताल मधेपुरा जहाँ कई कमियों से जूझ रहा है वहीँ जिले के
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पूरी तरह से बदहाली के दौर से गुजर रहा है. सुविधाएँ
नदारद हैं और सरकार के दावे चरम पर.
मधेपुरा
जिले के गम्हरिया पीएचसी को ही देखिये. यहाँ पहले एक एम्बुलेंस हुआ करता था. सांसद
कोष का वह एम्बुलेंस करीं दस महीने पहले दुर्घटना का शिकार हो गया और तब से यह
पीएचसी परिसर की शोभा बढ़ा रहा है. नया एम्बुलेंस देने में सरकार विफल रही है और
हालत यह है कि अब प्रखंड क्षेत्र में कहीं कोई अधिक बीमार हो जाए तो फिर लोगों को
या तो ठेला खोजना पड़ता है या फिर खटिया पर बीमार को चारों तरफ से लोग इस तरह उठाकर
अस्पताल ले जाते हैं मानो कोई अर्थी उठाकर लिए जा रहे हों.
यही
नहीं, इस अस्पताल में न तो दवाइयां आपको मिलेगी और न ही यहाँ समय पर चिकित्सक ही
उपलब्ध रहते हैं. मरीजों का कहना होता है कि यहाँ प्रतिनियुक्त चिकित्सक प्राइवेट
क्लिनिक पर पैसा कमाने में लगे रहते हैं.
कुल मिलाकर
स्थिति ऐसी लगती है कि गम्हरिया का पीएचसी अस्पताल के नाम पर सिर्फ एक खानापूर्ति
भर है.
गम्हरिया पीएचसी: दस महीने से है एम्बुलेंस विहीन, खटिया और ठेला है मरीजों का सहारा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 26, 2014
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