फर्जी प्रमाणपत्र पर मधेपुरा के आधा दर्जन नियोजित शिक्षक के खिलाफ एफआईआर, चले थे नौकरी करने जायेंगे जेल
|अख्तर वसीम|26 मई 2014|
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के वेबसाईट पर BETET के प्रमाणपत्रों की जांच में
मधेपुरा जिले के पुरैनी प्रखंड के आधा दर्जन नियोजित शिक्षकों के प्रमाणपत्र फर्जी
पाए गए हैं. इन आधा दर्जन ‘कर्णधारों’ में से तीन महिलायें भी शामिल हैं.
जिले के
पुरैनी प्रखंड में छ: ऐसे नियोजित शिक्षकों का पता चला है जिन्होंने TET की योग्यता परीक्षा पास नहीं की थी और शिक्षक के रूप
में नियोजित हो गए. मधेपुरा के जिलाधिकारी गोपाल मीणा ने जब मधेपुरा के पुरैनी
प्रखंड में नव नियोजित शिक्षकों की जांच शुरू करने का पुरैनी बीडीओ को आदेश दिया
तो ‘चोर की दाढ़ी में तिनका’ की कहावत को सच साबित करते हुए
इनमे से कुछ पहले ही नौकरी छोड़कर भाग खड़े हुए, हालाँकि बदकिस्मती ने इन भगोड़ों का
भी पीछा नहीं छोड़ा और बीडीओ निर्मल कुमार ने उनपर भी प्राथमिकी दर्ज करा दी.
प्रशासनिक
सख्ती के चंगुल में आये इन ठग-शिक्षकों में चार प्रखंड शिक्षक हैं 1. उत्क्रमित
मध्य विद्यालय पुरैनी के आशीष कुमार (जांच के डर से पहले ही त्यागपत्र दिया) 2. मध्य विद्यालय
योगीराज के नियोजित शिक्षक अरूण कुमार सिंह (जांच के डर से पहले ही त्यागपत्र
दिया) 3. उत्क्रमित मध्य विद्यालय भोला बाबू बासा की शिक्षिका कुमारी पिंकी 4.
उत्क्रमित मुस्लिम मध्य विद्यालय के शिक्षक श्यामा चौधरी. इसके अलावे दो पंचायत
शिक्षिका 1. नवसृजित प्राथमिक विद्यालय अखरी बासा गणेशपुर की शिक्षिका ललिता
कुमारी तथा 2. नवसृजित प्राथमिक विद्यालय तारणी बासा मकदमपुर की राजकुमारी (जांच
के डर से पहले ही त्यागपत्र दिया).
इनमें
से दो शिक्षिकाओं ने तो BETET के सर्टिफिकेट पर से NOT QUALIFIED में से NOT को कटवा कर QUALIFIED अंकित करवा कर फर्जीवारा किया था.
अब
मामले का पर्दाफाश होने के बाद प्रखंड के नियोजन पदाधिकारी पर शक की अंगुली उठना
लाजिमी ही है. सभी छ: ठग-शिक्षकों के जेल जाने का रास्ता साफ़ हुआ लगता है.
फर्जी प्रमाणपत्र पर मधेपुरा के आधा दर्जन नियोजित शिक्षक के खिलाफ एफआईआर, चले थे नौकरी करने जायेंगे जेल
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 26, 2014
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