सहरसा के पटेल मैदान में नरेंद्र मोदी आये. मैदान
में लोगों का उत्साह चरम पर था, पर थोड़ी मायूसी इस बात की रही कि मोदी को सुनने
जहाँ घंटों से बैठे थे, वहां मोदी ने सहरसा में मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र के लोगों
को महज 9 मिनट दिया. हालांकि 9 मिनट के छोटे से वक्त में मोदी ने जो भी कहा, काफी
महत्वपूर्ण था.
गुरूवार
को तपती धूप में जहाँ भीड़ नरेंद्र मोदी के इन्तजार में मैदान में बेपरवाह जमी रही
वहीँ मोदी ने भी आते ही लोगों से देरी के लिए क्षमा मांगते हुए जब यह कहा कि इस
चिलचिलाती धूप में खड़े रहकर आपने जो तपस्या की है, उसे मैं बेकार नहीं जाने दूंगा,
तो लोगों ने सहरसा की धरती पर पहली बार तालियों से मोदी का स्वागत किया. छोटे से
भाषण में मोदी ने लोगों से अपील की कि कॉंग्रेस और उसके चट्टे-बट्टे का खाता नहीं
खुलना चाहिए. कोशी की समस्या और बाढ़ पर मोदी ने दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि यदि
कॉंग्रेस को इतने दिन के शासन में सेवा भावना की कोशी और मिथिला को जोड़ने का काम
कब का हो गया रहता. उन्होंने अटल बिहारी बाजपेयी को याद करते हुए कहा कि उन्ही के
प्रयास से इस इलाके में सड़क का काम आगे बढ़ा और कोशी महासेतु का शिलान्यास भी
उन्होंने किया था. कोशी को बाढ़ से निजात दिलाने के लिए जल प्रबंधन की जरूरत है.
कोशी के
इलाके में रेल विकास पर बिहार के उन रेकल मंत्रियों को भी नरेंद्र मोदी ने अदाए
हाथ लेते हुए कहा कि वे रेल को जेब में लेकर घूमते थे, पर उन्हें कोशी की याद नहीं
आई ? इलाके में रेल का काम बचा हुआ है यदि हमारी सरकार बनी तो मिथिला और कोशी के
विकास को प्राथमिकता दी जायेगी. रैली में नरेंद्र मोदी ने भाजपा प्रत्याशी विजय
कुशवाहा को विजय दिलाने की अपील की.
नमो की
रैली में भाजपा प्रत्याशी विजय कुशवाहा, रेणु कुशवाहा के अलावे भाजपा के कई बड़े
नेता मौजूद थे. भाजपा में हाल में शामिल कई नेता जैसे पूर्व विधायक किशोर कुमार
मुन्ना, मधेपुरा के शौकत अली आदि भी मौके पर उपस्थित थे.
कोशी शोषित मंच के संस्थापक समेत कई हुए भाजपा में
शामिल: कोशी शोषित मंच के संस्थापक अध्यक्ष मधेपुरा के प्रो० आभाष आनंद झा भी अपने समर्थकों के साथ कल नरेंद्र मोदी की सभा मंच पर भाजपा में शामिल हो गए. वहीँ मधेपुरा के
साहुगढ़ पैक्स अध्यक्ष दीपक यादव ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण की.
माना जा रहा है कि मधेपुरा लोकसभा सीट बिहार की एक
अहम सीट है जहाँ एक तरह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव की प्रतिष्ठा दांव पर
लगी हुई है तो दूसरी तरफ राजद प्रत्याशी पप्पू यादव का राजनैतिक कैरियर दांव पर
है. भाजपा भी इस बार एक-एक सीट को महत्वपूर्ण मानकर चल रही है. ऐसे में देखना है
कि क्या नरेंद्र मोदी का सहरसा आना विजय को विजय दिला पाता है ?
क्या नमो की सहरसा रैली विजय को विजय दिला सकेगी ?: मधेपुरा चुनाव डायरी (64)
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 25, 2014
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