‘मेरे समय में बच्चे स्कूल स्लेट लेकर जाते थे, अब प्लेट लेकर जाते हैं, शरद को इतना वोट से हराओ कि पेंशन पर गुजारा करने लगे’ –लालू यादव: मधेपुरा चुनाव डायरी (69)

|अख्तर वसीम|27 अप्रैल 2014|
चुनावी व्यंग्यबाणों ने मधेपुरा के चुनाव को निश्चित रूप से अत्यंत ही रोचक बना दिया है. आरोप-प्रत्यारोपों की झड़ी ने बड़े-बड़े सूरमाओं को विचलित कर रखा है. मधेपुरा जिला के उदाकिशुनगंज में एसबीजे हाई स्कूल में आज बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो ने एक साथ नीतीश और शरद पर प्रहार करते हुए कहा कि मेरे समय में बच्चे स्लेट लेकर स्कूल जाते थे और अब प्लेट लेकर जाते हैं.
      भीड़ को संबोधित करते हुए लालू यादव ने कहा कि यह चुनाव नहीं दंगल है. नहीं चेते तो सबकुछ टूट जाएगा. इस बार पूरे बिहार में लालू लहर देखने को मिल रहा है. राजद सुप्रीमो ने वोटरों से अपील की कि शरद को इतने वोटों से हराओ कि वे पेंशन पर गुजारा करने लगे.
      वहीँ मौके पर राजद प्रत्याशी पप्पू यादव ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि नमो की ताकत को यदि किसी ने चैलेन्ज किया तो वो हैं लालू प्रसाद यादव. पप्पू यादव ने नीतीश के उस बयान पर जिसमें नीतीश ने कहा था कि जब पूरे राज्य में बिजली है तो लालटेन की क्या जरूरत है, पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि नीतीश ने ऐसी बिजली दी है जिसमें बीपीएल परिवार को 40 हजार रूपया बिल आता है. रेणु कुशवाहा को बहन मानने और पीठ में खंजर भोंकने वाले नीतीश के बयान पर पप्पू यादव ने कहा कि या तो आप में या आपकी बहन या फिर दोनों में दोष होगा कि ऐसी परिस्थिति आ गई. भाजपा प्रत्याशी पर इशारा करते हुए पप्पू यादव ने कहा कि नौ साल पीसी लेने वाले को एमपी का चुनाव लड़ाया जा रहा है. उन्होंने अपील की कि पप्पू को आँगन की खुशबू बनायें और हर माँ मुझे बेटा मान ले. ये लड़ाई जनता और जनता के मालिक बन बैठे नौकरशाहों के बीच इस बार सीधी है.
‘मेरे समय में बच्चे स्कूल स्लेट लेकर जाते थे, अब प्लेट लेकर जाते हैं, शरद को इतना वोट से हराओ कि पेंशन पर गुजारा करने लगे’ –लालू यादव: मधेपुरा चुनाव डायरी (69) ‘मेरे समय में बच्चे स्कूल स्लेट लेकर जाते थे, अब प्लेट लेकर जाते हैं, शरद को इतना वोट से हराओ कि पेंशन पर गुजारा करने लगे’ –लालू यादव: मधेपुरा चुनाव डायरी (69) Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on April 27, 2014 Rating: 5

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