|विकास आनंद|14 मार्च 2014|
वैसे तो जिले में कुछ दिनों पूर्व तक कालाबाजारियों
की पौ-बारह थी, पर कालाबाजारी का जो खेल मुरलीगंज थाना क्षेत्र में चलता रहा उसने शायद
पूरे जिले के रिकार्ड को ध्वस्त कर दिया होगा.
बताते
हैं कि मुरलीगंज थानाक्षेत्र में कालाबाजारी का धंधा पूर्व के थानाध्यक्षों के
संरक्षण में चलता रहा था. दलालों की पूरी टीम हावी थी और पुलिस को सिर्फ आँखें
मूँद लेने के लाखों रूपये महीने पहुंचा दिए जाते थे. मार्केटिंग ऑफिसर तथा चैनल के
अन्य लोग बिकाऊ रहे हैं.
पर नए
थानाध्यक्ष मुकेश कुमार के आने के बाद इन कालाबाजारियों का किला ध्वस्त होता दिख
रहा है. लगातार छापेमारी में गरीबों के निवाले को छीन लेने वाले इन समाज के कोढ़ की
पोल खुल रही है. बुधवार को भी मुरलीगंज के बेलो के डीलर रामचंद्र दास से 101 बोरा गेहूँ
खरीद कर रामपुर का मुकेश चौधरी ट्रैक्टर
से गेहूँ को तमोट परसा ले जा रहा था. पुलिस को जैसे ही इसकी सूचना मिली, छापा
मारने पुलिस निकल गई. किसी ने गेहूँ ढो
रहे ट्रैक्टर वाले को इसकी सूचना दी तो ट्रैक्टर तेजी से भगाने के दौरान बेलदौर
नहर पर ही पलट गई. पुलिस ने कुल दो ट्रैक्टर से 101 बोरा एसएफसी का गेहूँ बरामद कर लिया और रामचंद्र दास, मुकेश चौधरी आदि
पर मामला थाने में दर्ज कर लिया.
इलाके
के कई लोगों ने मधेपुरा टाइम्स को बताया कि रामपुर का मुकेश चौधरी कालाबाजारी का
धंधा वर्षों से बड़े पैमाने पर करता रहा है. पीडीएस का कोटा उसके पिता बीर नारायण
चौधरी के नाम से है. पुलिस की मिलीभगत से वह इस धंधे का बादशाह बना हुआ था, पर
पहली बार मुरलीगंज के नए थानाध्यक्ष ने उसकी बादशाहत को एक झटके में समाप्त कर दी.
जरूरत है पुलिस को इन कालाबाजारियों पर सख्त कदम उठाने की ताकि ये फिर से अपना सर
न उठा सके.
क्या कालाबाजारियों का स्वर्ग है मुरलीगंज?: फिर कालाबाजारी का 101 बोरा गेहूँ जब्त
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 14, 2014
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