मधेपुरा, पूर्णियां और भागलपुर को जोड़ने वाली कोसी नदी
के विजय धाट पर 367 करोड रूपये की लागत से बनने वाले पुल को दूसरे जगह स्थानान्तरण कर देने से नाराज
संत योगेश तपस्वी बाबा 26 जनवरी से अपने आश्रम पर मौन धारण कर सरकार के इस निर्णय का
विरोध कर रहे हैं. बता दें कि कई सालों से बाबा के द्धारा चलाये गये आन्दोलन को
स्थानीय लोगों का भी समर्थन मिला था और आंदोलन के सामने सरकार झुकी थी जिसके बाद विजय
धाट पर पुल निर्माण का निर्णय लिया गया था.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्ष
2009 में ही
इस अतिमहत्वपूर्ण पुल का चौसा प्रखंड मुख्यालय में शिलान्यास भी किया था. लेकिन अब
तक पुल निर्माण तो नही हो सका, हाँ, निधार्रित जगह से दूसरे जगह पुल के स्थान को बदल
देने से इलाके के लोग अचंभित जरूर हो गए हैं.
और सरकार के द्वारा विजय घाट पर निर्मित
होने वाले पुल के जगह को बदल कर श्रीपुर स्थानान्तरित किये जाने से नाराज होकर संत
योगेश तपस्वी बाबा ने अपने ढोलबज्जा स्थित आश्रम में ही मौन धारण कर आन्दोलन प्रारम्भ
कर दिया है. बता दें कि बाबा कई दशकों से विजय
धाट पर पुल निर्माण की मांग को लेकर आन्दोलन करते आ रहे थे. नीतीश सरकार को झुकाने
में बाबा का आंदोलन मुख्य रहा और सरकार ने कोसी नदी के विजय धाट पर पुल निर्माण की
स्वीकृति दे दी. फिर वर्ष 2009 में पुल का शिलान्यास भी मुख्य मंत्री के हाथों किया गया था.
बाबा मौन धारण किये हुए हैं इसलिए
वे लिखकर ही बातें कर रहे हैं. और पुल के स्थान बदलने से नाराज लोग भी बाबा के समर्थन
में उतरने लगे हैं.
2009 ई0 को पुल के शिलान्यास के
दौरान मुख्यमंत्री ने कहा था कि 2014 के फरवरी माह तक पुल का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा.
लेकिन अब तक पुल तो नही बन पाया और जगह बदलकर बाबा और स्थानीय लोगों को एक बार आन्दोलन
करने को मजबूर जरूर कर दिया.
सरकार के इस निर्णय से खफा बाबा और स्थानीय लोग
एक बार आन्दोलन कर सरकार को अपनी शक्ति का एहसास करने में जुट गये हैं. अब देखना है
कि इस बार सरकार झुकती है या फिर बाबा का आक्रोश कोई और रंग लाता है.
तपस्वी बाबा ने पहले झुकाया था बिहार सरकार को, क्या इस बार झुकेगी सरकार ?
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
February 05, 2014
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