|राजीव रंजन|19 जनवरी 2014|
किसी ने कहा है कि ईमानदार वही है जिसे बेईमानी का
मौका नहीं मिला है. हथकड़ी और रस्सा में ये जनाब मदनपुर पंचायत के मुखिया हैं.
मुखिया बनने से पहले भ्रष्टाचार के खिलाफ में आवाजें बुलंद किया करते थे.
कम्यूनिस्ट पार्टी के साथ जुड़कर भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन का भी हिस्सा बना करते
थे. आज भ्रष्टाचार के आरोप में जेल की हवा खाने चले गए हैं.
मधेपुरा
प्रखंड के मदनपुर पंचायत के मुखिया रामचंद्र दास को पुलिस ने आज 56 लाख रूपये की
राशि के गबन में गिरफ्तार कर लिया है. मामला मनरेगा से जुड़ा हुआ है और उस समय का
है जब मनरेगा जिले में अधिकारी और मुखिया, पंचायत रोजगार सेवक और प्रोग्राम
पदाधिकारी के लिए कामधेनु गाय साबित हो रही है.
मनरेगा
योजना संख्यां 6/2011-12 और 7/2011-12 में जब 56 लाख रूपये गबन का मामला थाना में
मधेपुरा (भर्राही) थाना कांड संख्या 616/2013, दिनांक 22.10.2013 दर्ज हुआ था
जिसमें पहले ही पंचायत रोजगार सेवक संजीव कुमार सुमन जेल गए थे.
गिरफ्तार
मुखिया अपने ऊपर लगे आरोप को सीधे पंचायत रोजगार सेवक पर थोप देते हैं, मानो
हस्ताक्षर करते समय इनकी कोई जवाबदेही ही न हो.
महात्मा गांधी ने पंचायती राज की
जो भी कल्पना की हो पर वर्तमान में पंचायती राज बोले तो लूट का राज. सत्ता का
विकेन्द्रीकरण का शायद अब यही अर्थ हो गया है कि पहले से सिर्फ ऊपर बैठे
नेता-अधिकारी लूट खाते थे, अब नीचे पंचायतों में मुखिया, पंचायत रोजगार सेवक और
जिले में गद्दे वाली कुर्सी पर बैठे कुछ अधिकारी. चलता रहेगा लूट का खेल.
56 लाख गबन करने वाला मुखिया गिरफ्तार: पहले थे ईमानदार, मौका मिला तो...
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
January 19, 2014
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