|वि० सं०|29 जनवरी 2014|
कल न्यायालय में हुए अधिवक्ता के साथ मारपीट मामले
में दूसरे पक्ष ने भी अधिवक्ता तथा उनके मुवक्किलों पर न्यायालय परिसर में मारपीट
का आरोप लगाया है. आरोपों के मद्देनजर मधेपुरा थाना में महिला के द्वारा एफआईआर
(मधेपुरा थाना कांड संख्यां 50 वर्ष 2014) दर्ज कराया गया है.
महिला
गीता देवी के द्वारा दिए गए आवेदन में कहा गया है कि वह जब गम्हरिया थाना कांड
संख्या 99/2011 में गवाही देकर बहार निकली तो केस में उसके विरोधी राजेन्द्र यादव,
देवो शर्मा, अरूण शर्मा, राजेश शर्मा तथा अधिवक्ता
राकेश कुमार सिंह तथा अन्य
तीन-चार व्यक्ति एवं तीन-चार वकील मिलकर उसे तथा उसके पति के साथ गालीगलौज करने
लगे. गीता देवी ने जब मना किया तो सभी लोग उसे तथा उसके पति को लात, मुक्का से
मारने लगे जिससे वे जख्मी हो गए. उसके बाद पुलिस मुझे वहां से ले आई और अस्पताल
इलाज के लिए लाई.
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आवेदन
में गीता देवी ने घटना का कारण बताते हुए कहा कि पुरानी रंजिश को लेकर अभियुक्तगण
ने वकील साहब को मेल में लेकर ऐसी घटना की है.
एफआईआर
में अधिवक्ता तथा अन्य के खिलाफ आईपीसी की धाराएं 341, 342, 323 तथा 354/34 लगाई
गई है. इन धाराओं में से से धारा 354 आईपीसी स्त्री की लज्जा भंग करने के आशय से
उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग है. धारा 354 पहले जमानतीय हुआ करता था, पर
दिल्ली गैंगरेप के बाद किमिनल लॉ एमेंडमेंट एक्ट 2013 के तहत इसे अजमानतीय बना
दिया गया है.
जाहिर है इन
आरोपों-प्रत्यारोपों के बाद दोनों की पक्षों की मुश्किलें बढ़ गई है.
अधिवक्ता पर मारपीट और लज्जा भंग करने के आशय से हमले का आरोप: एफआईआर
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
January 29, 2014
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