|ब्रजेश सिंह|29 जनवरी 2014|
आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका को सरकारी दर्जा देने सहित
अन्य चौदह सूत्री मांगों के समर्थन में आगे प्रस्तावित दो दिवसीय व्यापक हड़ताल को सफल
बनाने के लिए आलमनगर प्रखंड मुख्यालय के पानी टंकी मैदान में सेविका-सहायिकाओं की एक
बैठक आयोजित की गई.
आयोजित बैठक
में बिहार राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन के प्रदेश महासचिव कुमार विन्देश्वर सिंह
ने कहा कि आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका से सरकारी कर्मचारियों से भी ज्यादा काम लिया जाता
है. लेकिन इन्हें सरकारी कर्मचारी का दर्जा देना तो दूर इनके मामले में भारतीय संविधान
एवं मानवाधिकार का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन हो रहा है.
उन्होंने
कहा कि सेविका को दस हजार रूपये तथा सहायिका को आठ हजार रूपये मानदेय दिये जाएँ. साथ
ही उन्हें सेवा निवृत्ति, पेंशन, सामजिक सुरक्षा उपलब्ध कराने सहित पोषाहार की रसही
बाजार मूल्य के अनुसार दिया जाय. बैठक में यह भी कहा गया कि जांच व ग्रेडिंग के नाम
पर गलत ढंग से तंग-तबाह और परेशां करने सहित अपमानजनक व्यवहार बंद किया जाय.
बैठक की
अध्यक्षता सुजाता कुमारी ने किया जबकि राज्य कमिटी सदस्य मंजूषा कुमारी, फरजाना खातून,
शारदा कुमारी, मधुमाला कुमारी, रश्मि कुमारी, पिंकी कुमारी, मीरा देवी आदि ने भी बैठक
को संबोधित किया.
आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका को मिले सरकारी कर्मचारी का दर्जा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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January 29, 2014
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