|रिपोर्टर|16 दिसंबर 2013|
मधेपुरा व्यवहार न्यायालय के जाने-माने अधिवक्ता और
मधेपुरा निवासी प्रफुल्ल कुमार यादव की अब हमारे बीच नहीं हैं. कल रविवार को 65
वर्ष की आयु में उन्होंने अंतिम सांस ली. वे कुछ समय से बीमार चल रहे थे.
एक नजर जीवनी पर: प्रफुल्ल बाबू का जन्म 23 अगस्त
1948 को खगड़िया जिले के शालीग्रामी में हुआ था. वर्ष 1963 में उन्होंने मधेपुरा के
रास बिहारी हाई स्कूल से मैट्रिकुलेशन किया और फिर टीपी कॉलेज मधेपुरा से
ग्रैजुएशन करने के बाद उन्होंने टीएनबी कॉलेज
भागलपुर से लॉ की परीक्षा पास की.
मधेपुरा में बतौर अधिवक्ता वे 17 अप्रैल 1973 को योगदान किये. प्रफुल्ल बाबू शुरू
से ही विधि व्यवसाय में काफी सक्रिय रहे. नोटरी पब्लिक और अपर लोक अभियोजक के रूप
में भी उन्होंने खासी लोकप्रियता बटोरी.
भागलपुर से लॉ की परीक्षा पास की.
मधेपुरा में बतौर अधिवक्ता वे 17 अप्रैल 1973 को योगदान किये. प्रफुल्ल बाबू शुरू
से ही विधि व्यवसाय में काफी सक्रिय रहे. नोटरी पब्लिक और अपर लोक अभियोजक के रूप
में भी उन्होंने खासी लोकप्रियता बटोरी.
वे अपने
पीछे पत्नी श्रीमती वीणा देवी, एक पुत्र ऋषिकेश कुमार, अधिवक्ता तथा एक पुत्री
सुनीता छोड़ गए हैं.
आज
अधिवक्ता संघ तथा न्यायिक पदाधिकारियों की ओर से उनकी आत्मा की शांति के लिए दो
मिनट का मौन रखा गया.
मधेपुरा
टाइम्स परिवार की ओर से श्रद्धांजलि.
नहीं रहे प्रफुल्ल बाबू
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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December 16, 2013
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