|वि० सं०|11 दिसंबर 2013|
कहा जाता है कि पति और पत्नी के सम्बन्ध में इतनी
गहराई होती है कि एक दूसरे के लिए वे कुछ भी करने को तैयार होते हैं. पर जब
संबंधों की खटास भी हद से ज्यादा बढ़ जाए तो एक दूसरे पर लगाये आरोप भी उतने ही
दुखदायी होते हैं. मधेपुरा में उजागर हाल के एक मामले ने जहाँ पति अबतक पत्नी के
वापस घर लौटने का इन्तजार कर रहा है वहीं पत्नी ने न्यायालय में अपने पति को
नपुंसक करार देकर तलाक की अर्जी दे दी है.
करीब
ढाई साल पहले मधेपुरा में पंचायत शिक्षिका के रूप में नौकरी कर रही मधेपुरा की लड़की
की शादी नवादा में लाइब्रेरियन के पद पर नौकरी कर रहे एक हैंडसम लड़के से हुई. कुछ
दिन तो सबकुछ ठीक-ठाक रहा, पर उसके बाद लड़की ने पति के पास जाने से इनकार कर
दिया. जब समझाना-बुझाना निरर्थक हो गया तो पति ने नवादा कोर्ट में वैवाहिक जीवन
बहाल करने से सम्बंधित आवेदन दिया. इधर पति से खार खाई शिक्षिका पत्नी ने मधेपुरा
के न्यायालय में पति पर दहेज मांगने और प्रताड़ित करने का मुकदमा तो किया ही, साथ
ही पति पर नपुंसकता का आरोप लगाकर तलाक का भी मुकदमा दर्ज करा दिया.
अग्रिम
जमानत के लिए आये हुए पति ने अपने सास-ससुर पर या आरोप लगाया कि वे अपनी बेटी की
कमाई नहीं छोड़ना चाहते और मेरी पत्नी को बरगला लिया है. साथ ही नपुंसकता के आरोप
पर पति ने मधेपुरा की ही चिकित्सिका डा० अलका सिंह के द्वारा की गई उसकी पत्नी की
जांच रिपोर्ट प्रस्तुत कर सनसनी फैला दी जिसमें प्रेगनेंसी टेस्ट पॉजिटिव था. पति
की ओर से कहा गया कि न जाने क्यों लड़की ने गर्भवती होने के बाद अबॉर्शन करा लिया
है. पति ने कहा कि वह अब भी पत्नी की वापसी चाहता है.
जो भी
हो, दोनों तरफ से दर्ज कराये मामले पर निर्णय आना बाक़ी है, पर फिलहाल मधेपुरा के
विद्वान जिला न्यायाधीश ने पति को अग्रिम जमानत दे दी है.
पत्नी ने कहा पति नपुंसक तो पति ने दिखाए प्रेगनेंसी के सबूत
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 11, 2013
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