|एमटी रिपोर्टर|24 नवंबर 2013|
जिले में सीडीपीओ के भी खेल निराले रहे हैं. मनमर्जी
चलाने में इनका कोई सानी नहीं. नए आंगनबाड़ी केन्द्र खुलने के साथ इनकी किस्मत भी
कुछ नए अंदाज में खुली. ताजा मामला जो प्रकाश में हैं वो तो भ्रष्टाचार की एक नए
गर्त को छूता है.
पुरैनी
प्रखंड के राज पुरैनी के वार्ड नं.10 में मिनी आंगनबाड़ी केन्द्र में सेविका की
बहाली में चौंका देने वाले खुलासे हुए हैं. ममता कुमारी नामक एक उम्मीदवार ने यहाँ
हुई अनियमितता के बारे में आरोप लगाते हुए कहा है कि सीडीपीओ ने सर्वेक्षण कराने
के बाद पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर इनके वार्ड को अलपसंख्यक बाहुल्य वर्ग पोषक
क्षेत्र बना दिया जिससे उनकी मनचाही उम्मीदवार का चयन सेविका पद के लिए हो गया. इस
सबंध में जन ममता ने आरटीआई के माध्यम से
सूचना लेनी चाही तो मैपिंग पंजी की छायाप्रति उन्हें उपलब्ध नहीं कराई गई. वार्ड
की वास्तविक स्थिति को दर्शाते और पूरी घटना का ब्यौरा देते हुए पीड़िता ने
जिलाधिकारी से इसमें हस्तक्षेप करने की मांग की है. जिलाधिकारी को दिए गए आवेदन
में मतदाता की जनसंख्यां को विस्तृत रूप से दर्शाया गया है जिसके अनुसार यह पोषक
क्षेत्र पिछड़ी जाति बाहुल्य है.
अब
देखना है कि क्या जांच कर फिर से यहाँ का पोषक क्षेत्र बदला जाता है या फिर यदि
गलत हुआ है तो उसी पर मुहर लग जाती है ?
मनचाहे को सेविका बनाने के लिए पोषक क्षेत्र ही गलत बना दिया
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 24, 2013
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