एक शख्स जिसके बाद मधेपुरा में अंग्रेजी में आ जायेगी बड़ी रिक्तता

मधेपुरा में यदि एक बच्चे से भी यह पूछा जाय कि यहाँ अंग्रेजी भाषा के सबसे बड़े विद्वान कौन हैं तो एक ही शख्स का नाम लिया जायगा- युवराज बाबू. हकीकत भी कुछ ऐसा ही है. युवराज प्रसाद यादव की उम्र भले ही 77 साल हो चुकी हो और अब वे बीमार रहने लगे हों, पर अब भी अंग्रेजी के मामले में इलाके में उनका कोई जोड़ नहीं है. मधेपुरा के इलाके में अब भी हजारों ऐसे सफल छात्र मौजूद हैं जिन्होंने अंग्रेजी भाषा का विशेष ज्ञान युवराज प्रसाद यादव से ही लिया है.
      मधेपुरा टाइम्स से खास बातचीत में 22 जनवरी 1936 को जन्मे इस महान व्यक्तित्व ने अपने जीवनकाल में मधेपुरा के कई शिक्षाविदों के द्वारा उन्हें आगे बढ़ने से रोकने के लिए खेले गए दाव-पेंच के भी संकेत दिए जिसके कारण उन्हें राजभवन तक के चक्कर काटने पड़े. मधेपुरा प्रखंड के साहुगढ़ निवासी युवराज प्रसाद यादव वर्ष ने वर्ष 1953 में रास बिहारी हाई स्कूल से मैट्रिक और वर्ष 1955 में टीपी कॉलेज से इंटरमीडिएट फर्स्ट डिवीजन से पास की और वर्ष 1957 में टी.एन.जे. कॉलेज भागलपुर से अंग्रेजी विषय में ग्रेजुएशन की. वर्ष 1971 में इन्होने भागलपुर विश्वविद्यालय से ही प्राइवेट छात्र के रूप में अंग्रेजी में एम.ए. किया.
      एक शिक्षक के रूप में युवराज प्रसाद यादव की पहली नियुक्ति मनोहर हाई स्कूल बैजनाथपुर में वर्ष 1957 में हुई और वर्ष 1958 में टी.पी. कॉलेजिएट हाई स्कूल में. इसी दौरान उन्हें मधेपुरा के टी.पी. कॉलेज में भी अध्यापन का मौका मिला. टीपी कॉलेज में जब लेक्चरर के लिए वेकेंसी निकली तो उसमें इन्हें सरकार के द्वारा पहले स्थान के लिए प्रस्तावित किया गया.
      एक लेक्चरर के रूप में श्री यादव की एक लंबी पारी की शुरुआत हुई 25 अगस्त 1977 को और तब से 18 साल 09 महीने और 06 दिन तक टीपी कॉलेज, मधेपुरा में अपनी अविस्मरणीय सेवा देने के बाद ये 31 जनवरी 1996 को सेवानिवृत्त हुए. इस दौरान श्री यादव ने डीएसडब्ल्यू के पद को भी सुशोभित किया और 25 अप्रैल 1987 को इनकी प्रोन्नति रीडर के पद पर हो गई. हालांकि ये बात बहुत कम ही लोग जानते हैं कि श्री यादव अंग्रेजी के साथ-साथ गणित के भी विद्वान थे और दो विषयों पर अद्भुत पकड़ का ऐसा संयोग बड़ी मुश्किल से ही दीखता है.
      मधेपुरा में शिक्षा के क्षेत्र में लो-लेवल-पॉलिटिक्स करने वाले लोगों के लिए हमेशा इर्ष्या के पात्र बने रहने वाले युवराज प्रसाद यादव जहाँ इलाके में अंग्रेजी भाषा को लोकप्रिय बनाने वाले पहले शख्स के रूप में खुद को स्थापित किया बल्कि इन्होने अंग्रेजी भाषा में रिसर्च की किया और मधेपुरा जैसे क्षेत्र के छात्रों के लिए अंग्रेजी जैसे कठिन विषय को आसान कर दिखाया. अंग्रेजी में युवराज प्रसाद यादव के योगदान को मधेपुरा नहीं भूल सकता है.
(मधेपुरा टाइम्स ब्यूरो)
[Yuvraj Prasad Yadav- A great personality in English of Madhepura]
एक शख्स जिसके बाद मधेपुरा में अंग्रेजी में आ जायेगी बड़ी रिक्तता एक शख्स जिसके बाद मधेपुरा में अंग्रेजी में आ जायेगी बड़ी रिक्तता Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on October 27, 2013 Rating: 5

1 comment:

  1. Pawan kumar
    maine Yuvraj babu ka nam suna tha lekin ye nahi jan raha tha ki wo Madhepura k hi hai.
    aaj madhepura me yuvraj babu jaise teacher ki jarurat hai jo bahut hi kam ya nahi ke barabar hai yadi madhepura me unke jaise teacher rahte to hajaron student ko jila se bahar jakar nahi padhana parta.

    ReplyDelete

Powered by Blogger.