हत्यारोपी एसआई द्रवेश कुमार |
|वि० सं०|01 अक्टूबर 2013|
मधेपुरा थाना के भर्राही ओपी परिसर में कल हुई एसआई
द्रवेश कुमार की पत्नी अभिलाषा उर्फ सपना की मौत में पति द्रवेश कुमार बुरी तरह
फंस गए हैं. मृतका अभिलाषा के पिता के द्वारा पुलिस को दिए आवेदन में उन्होंने साफ़
तौर पर द्रवेश पर अभिलाषा की हत्या का आरोप लगाया. आरोप के मुताबिक़ द्रवेश पत्नी
को दहेज के लिए बराबर प्रताड़ित किया करता था और उसने अभिलाषा को अपने सर्विस
रिवाल्वर से गोली मार कर खत्म कर दिया.
एसपी के निर्देश पर मामला मधेपुरा थाना कांड संख्यां 559/2013 के रूप में दारोगा द्रवेश कुमार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (B) तथा 27 आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज किया गया है. मामले के अनुसंधान के लिए ईमानदार और निष्पक्ष पुलिस पदाधिकारी एसआई तथा सिंहेश्वर थानाध्यक्ष ललित मोहन सिंह को चुना गया है.
पत्नी
की हत्या का आरोपी दारोगा द्रवेश कुमार को पुलिस अधीक्षक ने निलंबित कर दिया है और
वे फिलहाल फरार बताए जाते हैं.
क्या है 304 (B) IPC और 27 आर्म्स एक्ट ?: इन्डियन पीनल कोड
(भारतीय दंड संहिता) की धारा 304 (B)
दहेज हत्या है और इसके अनुसार यदि महिला की मौत उसके विवाह के सात वर्षों के अंदर
पति या उसके परिवार के किसी सदस्य द्वारा प्रताड़ना या क्रूरता के साथ दिए किसी तरह
के शारीरिक जख्म के कारण होती है तो ये दहेज हत्या मानी जाती है. 27 आर्म्स एक्ट
के अंतर्गत आग्नेयास्त्र का प्रयोग कर अपराध को अंजाम देना है. भारतीय दंड संहिता
की धारा 304 (B) के तहत उम्रकैद तक की
सजा तथा 27 आर्म्स एक्ट के तहत भी सात वर्षों से लेकर उम्रकैद की सजा हो सकती हैं.
जो भी
हो, एक बात तो तय है कि अनुसंधान के बाद भी मामला चाहे हत्या का सामने आये या फिर
आत्महत्या का दोषी तो द्रवेश कुमार होंगे ही, क्योंकि उनके साथ रहते उनके रिवाल्वर
से अभिलाषा की जान गई है. मतलब साफ है कि ऐसी विषम परिस्थिति तैयार करने में
द्रवेश की भूमिका से इनकार करना किसी के लिए संभव नहीं होगा.
दारोगा पर हत्या का मुकदमा, सस्पेंड और फरार....
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 01, 2013
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