आशिकमिजाज शिक्षक का पत्र शिष्या के नाम

|पंकज भारतीय|24 अक्टूबर 2013|

  माई डियर
        खुशबू एंड काजल,
               किस्मत पर एतबार किसको
               मिल जाए खुशी इनकार किसको
               कुछ मजबूरियां हैं जिंदगी में यार
               वर्ना..................................
      मुझे ऐसा लग रहा है कि तुम दोनों को डर बहुत हो रहा है. मैं बता देना चाहता हूँ कि मैं जितना कुछ किया और करूँगा शायद इस धरती पर कोई कर पायेगा. लेकिन आजतक न कोई मुझे पकड़ पाया है और न देख सका है. यह आंखमिचौनी का खेल जिंदगी भर खेलता रहूँगा. मैं एक बात यह भी कहना चाहूंगा कि तुम लोग मुझसे डरती है. मुझसे डरो मत, आजतक कोई भी लड़की मुझसे नहीं डरी है. तुमलोगों को डर होता होगा कि गाँव के लोग जान जायेंगे. लेकिन मेरा काम ऐसा नहीं होता है. गाँव के किसी भी व्यक्ति द्वारा मुझे पकड़ना उसके वश की बात नहीं है, तुम दोनों का उम्र लगभग 14-15 वर्ष हो गया है. डरने की कोई बात नहीं है. मैं ऐसा कुछ भी नहीं करूँगा जिससे तुम्हारी जिंदगी खतरे में पड़ जाय. एक बार विश्वास करके तो देखो. तुम दोनों ने जो बताई हमलोग अपने गाँव चले जायेंगे, तभी से यह बात सुनकर मैं बहुत चिंतित हूँ. कृपया ऐसा काम नहीं करना, वर्ना हम कैसे रह पायेगे.
            दुनियां में दोस्त तो बहुत मिलेंगे
            मानो तो अच्छे दोस्त कम मिलेंगे
            जिस मोड़ पर सब आपका साथ छोड़ देंगे
            तब उसी मोड़ पर हम आपसे मिलेंगे
            *************************
            फूलों के चमन में एक गुल मेरा हो
            यादों के भंवर में एक याद मेरा हो
            खुदा करे कि जब अपनों को आप याद करें
            तो उनमें एक नाम मेरा भी हो
इसी के साथ-साथ तुम्हारी यादों में पल-पल खोया हुआ तुम्हारे जवाब का इन्तजार कर रहे हैं. कृपया इस पत्र का जवाब मुझे देने की कृपा करेंगे अथवा मेरे नंबर पर फोन करें. नं०-7549369642
नोट:- इसे पढ़कर फाड़ देना या जला देना.
                                          तुम्हारा अपना ही
                                            L.B.S.
O.K., Bye, See You, TaTa.

      यह पत्र लिखने वाला आशिकमिजाज और दिलफेंक शिक्षक लाल बहादुर साह सुपौल जिला के राघोपुर प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय सतकोदरिया में सहायक शिक्षक के रूप में तैनात था. 6 मार्च 2013 को यह आरजू भरी चिट्ठी लाल बहादुर ने अपने ही विद्यालय की दो छात्रा को लिख डाला. दोनों छात्रा अपने ननिहाल में रहकर पढ़ाई करती है. दोनों छात्रा को अपने शिक्षक लाल बहादुर साह का प्रणय निवेदन रास नहीं आया. नतीजा छात्राओं ने शिकायत अपने अभिभावक से की. स्कूल में काफी हंगामा हुआ और जांच-पड़ताल हुई तो मामला सही पाया गया. आनन-फानन में बीईओ ने उक्त शिक्षक की प्रतिनियुक्ति दूसरे स्कूल में कर डाली. लेकिन आरोपी शिक्षक के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई. पर मामला एक बार फिर तब सुर्ख़ियों में आया जब 22 अक्टूबर को उक्त शिक्षक फिर पूर्व के विद्यालय में योगदान के लिए पहुंचा. शिक्षक के पहुँचने पर छात्र-छात्राओं ने हंगामा शुरू कर दिया तो लाल बहादुर खिसक गए. 23 अक्टूबर को लाल बहादुर जब दुबारा विद्यालय पहुंचा तो छात्र-छात्राओं ने विद्यालय से निकल कर सड़क (NH-106) पर खूब हंगामा मचाया. मौके की नजाकत को देखते हुए आशिकमिजाज शिक्षक स्कूल से फरार हो गया.
      गौरतलब है कि लाल बहादुर साह जो नियोजित शिक्षक है, अपने काले कारनामे के लिए पूर्व में ही कुख्यात रहे हैं. बापू आसाराम की तरह कम उम्र की लड़कियां इनकी कमजोरी है. कुछ दो वर्ष पहले अपने गाँव की ही एक शिष्या को गर्भवती कर डाला तो हवालात की भी सैर करनी पड़ी थी. खास बात यह है कि L.B.S. भी बापू आसाराम की तरह शादीशुदा और तीन बच्चों के बाप हैं.
आशिकमिजाज शिक्षक का पत्र शिष्या के नाम आशिकमिजाज शिक्षक का पत्र शिष्या के नाम Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on October 24, 2013 Rating: 5

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