|शंकर सुमन|09 सितम्बर 2013|
जुम्मा-जुम्मा आठ दिन भी नहीं हुए इस कनीय अभियंता
को नौकरी में आये हुए और सूबे में बह रही भ्रष्टाचार की गंगा में हाथ धोना शुरू कर
दिए. पर इनपर कहावत ‘सर
मुंडाते ही ओले पड़े’ लागू
हो गई. चढ़ गए पब्लिक के हत्थे और फिर पुलिस ने भेज दिया इन्हें हवालात.
मामला
आलमनगर का है जहाँ इसी जून में नियोजन पर कोशी पुनर्वास योजना में बहाल कनीय
अभियंता कुमार वीर नारायण को लोगों ने आज पुनर्वास दिलाने के नाम पर प्रत्येक बाढ़ पीड़ित
से 500-1000 रू० ठगने के आरोप में घेर लिया. लोगों ने इस कनीय अभियंता के करतूत की
शिकायत आलमनगर के बीडीओ से भी की थी.
बाढ़ पीडितों का गुस्सा इस बात से भी था कि पांच साल बीत
जाने के बाद अभी तक उन्हें ठीक से सहायता नहीं मिल पाई है ऊपर से सरकार के नुमायंदे
लूटने पहुँच जाते हैं.
लोगों
और बीडीओ की पहल पर कनीय अभियंता को आलमनगर के थानाध्यक्ष एसआई नवीन कुमार सिंह ने
गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी के पास से 5100/- रूपये भी बरामद हुए और उसने कुछ पैसे लोगों को लौटाए भी. मधेपुरा के पुलिस अधीक्षक सौरभ कुमार शाह ने भी गिरफ्तारी की
पुष्टि करते हुए उसे जेल भेजने की बात कही है.
बाढ़ पीडितों से ठगी करते कनीय अभियंता गिरफ्तार
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 09, 2013
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